पाकिस्तान में चीन से निवेश कम होने पर उठ रहे तमाम सवाल
BBC
पाकिस्तान के लिए चीन सदाबहार दोस्त रहा है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय राजनीति में दोस्ती पारस्परिक हितों पर टिकी रहती है. एकतरफ़ा हितों वाली दोस्ती बहुत दिनों तक नहीं चलती है.
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ़ पाकिस्तान के ताज़ा आँकड़े कह रहे हैं कि पाकिस्तान में चीनी निवेश घटा है जबकि अमेरिकी निवेश बढ़ा है.
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (जुलाई-सितंबर) के आँकड़े बताते हैं कि इस अवधि में पाकिस्तान में चीनी निवेश केवल 10 करोड़ डॉलर था जबकि पिछले साल ये 20 करोड़ डॉलर से ज़्यादा था.
इसकी तुलना में अमेरिकी निवेश 10 करोड़ डॉलर से ज़्यादा रही जबकि पिछले साल की पहली तिमाही में उसका आँकड़ा मात्र दो करोड़ डॉलर था.
पाकिस्तान में सबसे बड़ी चीनी निवेश परियोजना चाइना-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) है, जिसमें सड़कों, बिजली संयंत्रों, रेलवे लाइनों और औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण शामिल है.
पाकिस्तान में पिछली सरकार यानी मुस्लिम लीग (नवाज़) के समय सीपीईसी परियोजना पर काम शुरू हुआ था, जिसके तहत कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया और उनमें से कुछ पूरे भी हुए, लेकिन पीटीआई के सत्ता में आने के बाद, इस परियोजना में लंबे समय से सुस्ती की शिक़ायत आ रही हैं.