पाकिस्तान में इस्लामिक देशों के जुटने के मायने क्या हैं?
BBC
OIC का यह सम्मेलन पाकिस्तान के लिए एक बड़ा सौदा है क्योंकि एक मेज़बान होने के नाते पाकिस्तान इसके केंद्र में होगा और इससे जो कुछ हासिल होगा वो उसके श्रेय का दावा करेगा.
अफ़ग़ानिस्तान में गहराते मानवीय संकट और ढहती अर्थव्यवस्था को लेकर इस्लामिक देश रविवार को पाकिस्तान की संसद में जुटने जा रहे हैं.
अफ़ग़ानिस्तान के हालात को लेकर इसे अब तक की सबसे बड़ी बैठक बताया जा रहा है.
ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) के विदेश मंत्रियों के परिषद के इस 'असाधारण सत्र' में मुस्लिम देशों के अलावा अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, जापान, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, फ़्रांस समेत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल हो सकते हैं.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने शनिवार को ट्वीट किया कि OIC का यह सत्र अफ़ग़ान लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए है.
सऊदी अरब के प्रस्ताव के बाद पाकिस्तान ने इस सम्मेलन की मेज़बानी का प्रस्ताव दिया था.