पाकिस्तान बॉर्डर के पास नए Tejas फाइटर जेट किए जा रहे तैनात, जानिए इसकी ताकत
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Indian Air Force तेजस एमके-1ए (Tejas Mk-1A) फाइटर जेट के पहले स्क्वॉड्रन को राजस्थान के नल एयर बेस (Nal Air Base) पर तैनात करेगी. पर यही जगह क्यों चुनी गई है? बीकानेर में मौजूद इस एयरबेस का क्या फायदा है? यहां पर तेजस की तैनाती से वायुसेना को क्या फायादा होगा?
पाकिस्तान की सीमा से करीब 200 किलोमीटर दूर है राजस्थान का बीकानेर शहर. इसी शहर में भारतीय वायुसेना का प्रमुख बेस नर एयरबेस है. इंडियन एयरफोर्स ने कहा है कि वह तेजस एमके-1ए (Tejas Mk-1A) फाइटर जेट के पहले स्क्वॉड्रन को इसी एयरबेस पर तैनात करेगा. इससे भारतीय वायुसेना और देश को क्या फायदा होगा?
पहला फायदा...
नल एयरबेस पर मिग-21 (MiG-21 Fighter Jet) के स्क्वॉड्रन तैनात है. तेजस एमके-1ए फाइटर जेट की तैनाती से फ्लाइंग कॉफिन (Flying Coffin) कहे जाने वाले मिग-21 को हटाया जा सकेगा. वायुसेना अपने पुराने मिग-21, मिग-23, मिग-27, मिराज-2000 और जुगआर की फ्लीट को तेजस से बदलना चाहती है.
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को पूरा भरोसा है कि अगले साल फरवरी से मार्च के बीच वायुसेना को पहला Tejas Mk-1A फाइटर जेट मिल जाएगा. 2025 तक 24 और फाइटर जेट वायुसेना को मिल जाएंगे. HAL 83 तेजस एमके-1ए फाइटर जेट के उत्पादन में लग गई है. वह इंडियन एयरफोर्स को ये फाइटर जेट तय समय पर दे देगी.
दूसरा फायदा...
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.