
पाकिस्तान ने भारतीय मिसाइल ‘दुर्घटनावश चलने’ के मामले की संयुक्त जांच की मांग की
The Wire
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने सवाल उठाया है कि भारत मिसाइल के दुर्घटनावश प्रक्षेपण के बारे में पाकिस्तान को तुरंत सूचित करने में विफल क्यों रहा तथा उसने पाकिस्तान के घटना की घोषणा करने और स्पष्टीकरण मांगने तक इसे स्वीकार करने का इंतज़ार क्यों किया? बीते नौ मार्च को पाकिस्तानी क्षेत्र में दुर्घटनावश मिसाइल के फायर होने पर भारत ने खेद जताते हुए उच्चस्तरीय ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ का आदेश दिया है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने शनिवार को कहा कि वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गिरी मिसाइल के ‘दुर्घटनावश चलने’ पर भारत के ‘सरलीकृत स्पष्टीकरण’ से संतुष्ट नहीं है. पाकिस्तान ने इस घटना से संबंधित तथ्यों का सही तरीके से पता लगाने के लिए एक संयुक्त जांच की मांग की.
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के पत्र सूचना कार्यालय की रक्षा इकाई के उस प्रेस वक्तव्य पर गौर किया है, जिसमें उसने 9 मार्च को पाकिस्तानी क्षेत्र में गिरी भारतीय मिसाइल के ‘तकनीकी खराबी’ के चलते ‘दुर्घटनावश चलने’ पर खेद व्यक्त किया है और एक उच्चस्तरीय ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ कराने का निर्णय किया है.
भारत सरकार का यह स्पष्टीकरण घटना के दो दिन बाद और पाकिस्तान के इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने रावलपिंडी में इस मुद्दे पर संवाददाताओं को संबोधित करने के एक दिन बाद आया था.
रक्षा मंत्रालय के बयान में मिसाइल का नाम नहीं बताया गया, लेकिन पाकिस्तानी सेना द्वारा दिए गए विवरण से संकेत मिलता है कि यह ब्रह्मोस मिसाइल हो सकती है. यह भारत में सिरसा के पास फायर हो गई और इसने 40,000 फीट और ध्वनि की गति से तीन गुना तेज गति से उड़ान भरी, जब यह पाकिस्तान के अंदर 124 किलोमीटर तक प्रवेश कर गई थी.