पाकिस्तान की हिंदू महिला सोनारी बागड़ी जिन्होंने मंदिर को ही स्कूल बना दिया
BBC
शादी के बाद सोनारी बागड़ी ने घर का ख़र्च पूरा करने के लिए अपने पति के साथ मज़दूरी की लेकिन बचपन में देखा हुआ सपना उनके दिल में ज़िंदा था, इसलिए उन्होंने बच्चों को पढ़ाने का फ़ैसला किया.
पाकिस्तान के हैदराबाद के फलीली इलाक़े की ग़फ़ूर शाह कॉलोनी में सुबह होते ही लड़के-लड़कियां अपने कंधों पर बस्ते टांग कर मंदिर की ओर निकल पड़ते हैं. वैसे तो मंदिर पूजा का स्थान होता है पर सोनारी बागड़ी ने इस मंदिर को स्कूल में तब्दील कर दिया है.
सोनारी बागड़ी अपने परिवार में पहली और क़बीले की उन कुछ महिलाओं में से एक हैं, जिन्होंने मैट्रिक तक की पढ़ाई की है. और अब उन्होंने ख़ुद को बच्चों को शिक्षित करने के लिए समर्पित कर दिया है.
सोनारी सिंध की बागड़ी क़बीले से हैं, जहां शिक्षा को ज़्यादा बढ़ावा नहीं दिया जाता. महिलाओं सहित इस क़बीले के ज़्यादातर लोग खेती या अंशकालिक व्यवसाय से जुड़े हुए हैं.
बागड़ी एक ख़ानाबदोश क़बीला है. ये क़बीला काठियावाड़ और मारवाड़ से सिंध में दाख़िल हुआ था. बागड़ी शब्द का प्रयोग भारतीय राज्य राजस्थान के बीकानेर क्षेत्र में रहने वाले हर एक हिंदू राजपूत के लिए किया जाता है.