
पाकिस्तान का राष्ट्रगान: धुन की तैयारी से मंज़ूरी तक पांच साल में क्या-क्या हुआ?
BBC
पाकिस्तान बनते ही राष्ट्रगान की रचना का काम शुरू हो गया था लेकिन आम तौर पर लोग यह नहीं जानते कि एक बार सूरह अल-फातिहा को भी राष्ट्रगान बनाने का सुझाव दिया गया था.
पाकिस्तान के राष्ट्रगान को पहली बार 13 अगस्त, 1954 को रेडियो पाकिस्तान पर प्रसारित किया गया था, जिसके बोल हफ़ीज़ जालंधरी ने लिखे थे और धुन अहमद ग़ुलाम अली छागला ने तैयार की थी. राष्ट्रगान के बोल और इसकी धुन तैयार करने की प्रक्रिया बहुत लंबी थी और पाकिस्तान बनने के तुरंत बाद ही इस पर काम शुरू हो गया था. लेकिन आम तौर पर लोग यह नहीं जानते कि एक बार सूरह अल-फातिहा को भी राष्ट्रगान बनाने का सुझाव दिया गया था. रुख़साना ज़फ़र अपनी किताब 'द नेशनल एंथम ऑफ़ पाकिस्तान' में लिखती हैं कि "जिन्ना उस समय जीवित थे, जब 14 जनवरी, 1948 को कंट्रोलर ऑफ़ ब्राडकास्टिंग, ज़ेडए बुख़ारी ने गृह मंत्रालय के उप सचिव को एक नोट भेजा था." उस नोट में कहा गया था कि एक ब्रिटिश संगीतकार, मिस्टर जोसेफ़ वेल्श ने उन्हें पाकिस्तान के राष्ट्रगान के लिए पियानो पर रिकॉर्ड की गई एक धुन भेजी है. यह धुन रेडियो पाकिस्तान लाहौर में रिकॉर्ड की गई थी.More Related News