पाकिस्तान का पहला टेस्ट ट्यूब बेबी जिसे 'गुनाह' और 'हराम' बताया गया
BBC
पाकिस्तान में आईवीएफ़ तकनीक और उसे लाने वाले डॉक्टर को शुरुआत में विरोध झेलना पड़ा था. पढ़िए पाकिस्तान में आईवीएफ़ की शुरुआत की कहानी.
पाकिस्तान में बांझपन के इलाज के लिए आईवीएफ़ की शुरुआत 1984 में हुई थी और मुल्क में इसकी शुरुआत करने वाले थे डॉक्टर राशिद लतीफ़ ख़ान. जिन्होंने लाहौर में पाकिस्तान के पहले आईवीएफ़ सेंटर 'लाइफ़' की स्थापना की थी. पांच साल के उनके लगातार प्रयास के बाद साल 1989 में पाकिस्तान के पहले टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म संभव हुआ. ब्रिटेन में जब दुनिया का पहला टेस्ट ट्यूब बेबी पैदा हुआ था, तो कुछ लोगों ने इसे सच मानने से इनकार कर दिया, तो कुछ ने इसकी आलोचना की थी. भारत के पहले टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म कराने वाले डॉक्टर सुभाष मुखोपाध्याय ने तो लगातार आलोचना और उत्पीड़न से परेशान होकर अंत में आत्महत्या ही कर ली थी. उनकी कहानी किसी और दिन बताएंगे, लेकिन अभी बात करते हैं डॉक्टर राशिद की जिनकी यात्रा बिल्कुल भी आसान नहीं थी और उन्हें भी कमोबेश इसी तरह के रवैयों का सामना करना पड़ा.More Related News