पाकिस्तान: इमरान ख़ान अपनी सियासी ज़िंदगी बचाने के लिए लड़ रहे हैं
BBC
इमरान ख़ान अपने करियर की सबसे बड़ी चुनौती झेल रहे हैं. आख़िर ये स्थिति कैसे आई? विपक्ष की आगे की रणनीति क्या है? पूरा ब्योरा जानिए.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने सियासी करियर की सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं. अविश्वास प्रस्ताव लाकर विपक्ष उन्हें पद से हटाना चाहता है.
हाल के दिनों में पाकिस्तान के सियासत में एक के बाद एक कई गतिविधियां देखने को मिलीं. कुछ लोग तर्क देते हैं कि ऐसी रणनीति बनाई गई थी जिसके बाद इमरान ख़ान के सहयोगी उनकी पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ (पीटीआई) को छोड़कर विपक्ष की तरफ़ जाने लगे.
पीटीआई का सहयोगी संगठन मुत्ताहिदा क़ौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम) बुधवार को उनसे अलग हो गया और विपक्ष में शामिल हो गया. ऐसे में पेपर पर विपक्ष के पास 175 वोट और सरकार के पास घटकर 164 वोट हो गए. 342 सीटों वाली नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए 172 सीटें चाहिए.
जुलाई, 2018 में भ्रष्टाचार से निपटने और अर्थव्यवस्था को ठीक करने की कसम खाकर चुनाव जीतने वाले इमरान खान अब चुपचाप नहीं जा रहे हैं. इमरान ख़ान ने पिछले रविवार को इस्लामाबाद में एक विशाल रैली की थी इमरान ये दिखाना चाह रहे थे कि वो अब भी उनकी पॉपुलैरिटी बरकरार है.
इस रैली में वो अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वियों नवाज शरीफ़ और आसिफ़ अली ज़रदारी के ख़िलाफ़ जमकर बरसते नज़र आए. ख़ान ने भीड़ के सामने एक लेटर भी लहराया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इसमें ''विदेशी साजिश" के सबूत हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि "विदेशी धन के सहारे सरकार गिराने की कोशिश की जा रही है."