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पाकिस्तानः विदेशी दुल्हन को मिल जाती है नागरिकता, दूल्हे को क्यों नहीं?
BBC
पाकिस्तान में नागरिकता क़ानून के तहत मर्द विदेशी पत्नी लाए तब तो नागरिकता मिल जाती है, मगर औरत यदि विदेशी से शादी करे तो उनके पति को पाकिस्तानी पासपोर्ट नहीं मिल सकता.
"मैं अपने परिवार के साथ 2001 में यह सोचकर पाकिस्तान आई थी कि पाकिस्तान मेरा जन्मस्थान है. इस आधार पर मेरे पति सैयद आमिर अली को आसानी से पाकिस्तानी नागरिकता मिल जाएगी. जब हम लाहौर पहुंचे और आवेदन जमा किया तो हमारे पैरों तले से ज़मीन खिसक गई. हमें पता चला कि विदेशियों से शादी करने वाली पाकिस्तानी महिलाओं के पतियों को शादी के आधार पर पाकिस्तान की नागरिकता नहीं मिल सकती.
पंजाब के लाहौर शहर में रहने वाली चार बच्चों की मां आलिमा आमिर के पति एक भारतीय नागरिक है और इस समय वो अदालत के आदेश पर पाकिस्तान में रह रहे हैं.
आलिमा आमिर 1996 में शादी कर के भारत आ गईं थी. पति और पत्नी दोनों ने 2001 में अपने परिवार के साथ पाकिस्तान में रहने का फ़ैसला किया.
आलिमा को अच्छी तरह याद है, जब वो अपने परिवार के साथ भारत से पाकिस्तान जा रही थीं. वो कहती हैं, ''हमें नहीं पता था कि पाकिस्तान में कोई ऐसा क़ानून है. हमने सोचा था कि दोनों पति-पत्नी को ये अधिकार है कि वो अपने साथी के लिए नागरिकता हासिल कर सकते हैं.''
वो कहती हैं, ''लेकिन जब हम पाकिस्तान गए तो हमें पता चला कि ये संभव नहीं है. और तब से हमारे और हमारे बच्चों के लिए अनगिनत समस्याएं खड़ी हो गई हैं. शुक्र है कि अदालतें और पाकिस्तानी अधिकारी हमारे मामले को मानवीय आधार पर देखते रहे. नहीं तो पता नहीं हमारा क्या होता.'