पहले माफिया, फिर बाहुबली और अब रेपिस्ट, पूर्वांचल में साम्राज्य स्थापित करने वाले विजय मिश्रा की कहानी
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Former MLA Vijay Mishra: यूपी के भदोही जिले में ज्ञानपुर सीट से चार बार विधायक रहे विजय मिश्रा को एक रेप केस में 15 साल की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. साल 2020 में विजय मिश्रा के खिलाफ एक महिला गायिका ने रेप का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था.
कहा जाता है कि अपराधियों की कोई जाति या धर्म नहीं होता है. बुरे कर्म ही उनकी पहचान होते हैं. अपने काले कारनामों को छिपाने के लिए वो भले ही सफेदपोश हो जाएं, किसी पार्टी से चुनाव लड़कर सांसद या विधायक बन जाएं, लेकिन उनकी करतूत कम नहीं होती है. एक दिन उनके कुकर्म उनके सामने आ ही जाते हैं. उसके बाद उनकी गर्दन कानून के लंबे हाथों में होती है. प्रयागराज के माफिया अतीक अहमद से लेकर गाजीपुर के बाहुबली मुख्तार अंसारी तक, आज हर गैंगस्टर की दुर्गति उनके कुकर्मों की कहानी बयां करती है. इसी कड़ी में भदोही के माफिया विजय मिश्रा का नाम भी प्रमुख है. ज्ञानपुर सीट से चार बार विधायक रहे विजय मिश्रा को एक रेप केस में दोषी करार देते हुए 15 साल की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.
साल 2020 में पूर्व विधायक विजय मिश्रा के खिलाफ एक महिला गायिका ने रेप का केस दर्ज कराया था. उसने अपनी शिकायत में कहा था कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान विजय मिश्रा ने उसे अपनी बेटी के चुनाव प्रचार के लिए बुलाया था. 1 जनवरी 2014 को वो परफॉर्मेंस के लिए अपने कपड़े बदल रही थी. उसी वक्त पूर्व विधायक उसके कमरे में चले आए. उन्होंने हथियारों के बल पर उसे अपनी हवस का शिकार बनाया. इसके बाद अपने बेटे विष्णु और पोते ज्योति मिश्रा को उसे वाराणसी छोड़ने के लिए भेजा. रास्ते में उन दोनों ने भी उसके साथ रेप किया था. इसके बाद तो एक सिलसिला जैसा शुरू हो गया. विजय मिश्रा उसे अलग-अलग जगहों पर बुलाकर रेप करने लगे. विरोध करने पर ब्लैकमेल किया करते थे. 6 साल बाद तंग होकर उसने केस दर्ज कराया था.
भदोही के गोपीगंज थाने में विजय मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 376डी, 342 और 506 के तहत केस दर्ज था. इस केस की सुनवाई के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए 15 साल की कठोर करावास की सजा सुनाई है. हालांकि, उनके बेटे और पोते को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है. उनके बेटे विष्णु मिश्रा के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत भी केस दर्ज है, ऐसे में उसके जेल से बाहर आने की संभावनाएं कम हैं. पिछले साल ही यूपी पुलिस ने उसके पेट्रोल पंप पर छापा मारा था, जहां से हथियारों का बड़ा जखीरा मिला था. इतना ही नहीं वहां से एक-47 भी बरामद किया गया था. फिलहाल आगरा जेल में बंद विजय मिश्रा के खिलाफ 83 केस दर्ज हैं. इनमें अभी तक केवल तीन मामलों में ही सजा हुई है, जबकि उनके खिलाफ दर्ज 14 केस विचाराधीन हैं.
अपहरण, रेप, हत्या से लेकर गैंगस्टर, वसूली और धोखाधड़ी का केस
विजय मिश्रा के खिलाफ जो केस दर्ज किए गए हैं, उनमें हत्या के 9, हत्या के प्रयास के 8, रेप के 2, गैंगस्टर के 3, जालसाली के 4, शस्त्र अधिनियम के 7, धमकी के 9, रासुका के 1, खनन के 1, भ्रष्टाचार के 1, अपहरण के 2, जबरन वसूली के 6, एससी/एसटी के 1, गुंडा के 3 और अन्य मामलों में 26 केस हैं. सबसे ज्यादा केस भदोही में 50 दर्ज किए गए हैं. वहीं प्रयागराज में 27, मिर्जापुर में 3, वाराणसी में 1, मेरठ में 1, वेस्ट बंगाल में 1 केस दर्ज है. इन आंकड़ों को देखकर उनकी करतूतों का अंदाजा लगाया जा सकता है. वो यूपी से लेकर वेस्ट बंगाल तक आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया करते थे. उनको आर्म्स एक्ट में भी दो बार सजा हो चुकी है. इसमें पहला बार 2022 में 2 साल की सजा हुई थी, जबकि दूसरी बार इसी साल मार्च में 5 साल की सजा और 10 हजार का जुर्माना हुआ था.
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