
पहले दो बेटों की मौत, फिर करोड़ों की ठगी... 'डिजिटल अरेस्ट' हुए रिटायर्ड कर्नल की दुखभरी कहानी
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चंडीगढ़ में भारतीय सेना के एक रिटायर्ड कर्नल के साथ करोड़ों की साइबर ठगी का मामला सामने आया था. साइबर जालसाजों ने 82 वर्षीय भारतीय सेना अधिकारी और उनकी पत्नी से 3.4 करोड़ रुपए ठग लिए. इन जालसाजों ने खुद को ईडी का कर्मचारी बताकर उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया.
पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में भारतीय सेना के एक रिटायर्ड कर्नल के साथ करोड़ों की साइबर ठगी का मामला सामने आया है. साइबर जालसाजों ने 82 वर्षीय सेवानिवृत्त भारतीय सेना अधिकारी और उनकी पत्नी से 3.4 करोड़ रुपए ठग लिए. इन जालसाजों ने खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का कर्मचारी बताकर उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया. इस मामले में पीड़ित दंपति की शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.
जानकारी के मुताबिक, पीड़ित दंपति का नाम कर्नल दलीप सिंह (सेवानिवृत्त) और उनकी पत्नी रणविंदर कौर बाजवा (74) है. कुछ समय पहले ही उनके दो बेटों की मौत हो गई थी. उनको साइबर ठगों ने ईडी अधिकारी बनकर कॉल करके डिजिटल अरेस्ट कर लिया. ठगों ने दावा किया कि वे 5038 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच कर रहे थे. इसके परिणामस्वरूप इससे जुड़े एक पीड़ित ने आत्महत्या कर ली और एक मुखबिर की हत्या कर दी गई है.
इसके बाद साइबर ठगों ने पीड़ित को 18-27 मार्च तक 10 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा. उनको घर के अंदर रहने और किसी से संपर्क न करने के लिए भी मजबूर किया गया. बताया जा रहा है कि ये कॉल 18 मार्च को एक अज्ञात व्हाट्सएप नंबर से आई थी. कॉल करने वाले ने उन पर मुंबई के केनरा बैंक के एक खाते से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल होने का आरोप लगाया था. इसमें जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल का नाम भी लिया गया.
साइबर ठगों ने दावा किया कि पीड़ित कर्नल ने अपना खाता 5 लाख रुपए में मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों को बेचा था. इसके साथ ही 2 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग के लिए 20 लाख रुपए कमीशन प्राप्त किए थे. इसकी पुष्टि के लिए जालसाजों ने उनको वीडियो कॉल पर उनका एटीएम कार्ड दिखाया और दावा किया कि वे 5038 करोड़ रुपए के घोटाले में फंस चुके हैं. इसमें एक खुदकुशी और हत्या का मामला भी शामिल हो चुका है, जिसमें वो फंस सकते हैं.
साइबर जालसाजों ने पीड़ित दंपति को अलग-अलग खातों में पैसा जमा करने के लिए मजबूर किया. उनके द्वारा बताए गए खातों में ट्रांसफर की गई कुल राशि 3.4 करोड़ रुपए है. इस संबंध में चंडीगढ़ पुलिस के साइबर सेल को शिकायत दी गई है. पीड़ित कर्नल ने कहा कि उनसे छीने गए पैसे वापस दिलाए जाएं, क्योंकि वे अपनी आजीविका के लिए इसी पर निर्भर हैं. उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है.
उन्होंने कहा, "युवा होने के नाते मैंने अपना जीवन राष्ट्र की सेवा में समर्पित कर दिया. अब अपने जीवन के अंतिम वर्षों में धोखेबाजों के हाथों अपना सब कुछ खो दिया है. यह एक क्रूर विडंबना है. मेरी एकमात्र उम्मीद चंडीगढ़ साइबर सेल पर टिकी है. मुझे उम्मीद है कि पुलिस धोखेबाजों को पकड़ने के लिए पर्याप्त कौशल से लैस है. मैं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी अपील करता हूं कि वे हस्तक्षेप करें और हमारी खोई हुई रकम दिलाने में मदद करें.''

याचिका में उन्होंने तर्क दिया है कि यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार) और अनुच्छेद 26 (धार्मिक संस्थाओं को स्वतंत्रता) का उल्लंघन करता है. याचिका में यह भी कहा गया है कि इस कानून के तहत वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन अब राजनीतिक हस्तक्षेप के अधीन हो सकता है, जिससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक स्वायत्तता प्रभावित होगी.

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