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पहले दिल्ली की साक्षी, अब पालघर की आरती... वो सड़क पर कत्ल करता रहा और तमाशा देखते रहे लोग
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कैमरे में कैद इस वारदात को देखा जाए तो वो लड़का एक के बाद एक लगातार उस लड़की पर वार करता जा रहा है. एक, दो, तीन, चार, पांच, छह... आप गिनते-गिनते थक जाएंगे, लेकिन हमला करने वाले लड़के के हाथ नहीं थकते और वो लगातार लड़की को अपना निशाना बनाता रहता है.
कहने को वो जिंदा लोगों का एक शहर है. ऐसा शहर है जो पूरी रफ्तार से दौड़ता है. और शहर की रफ्तार से सड़क पर कदमताल मिलाते उस शहर के लोग हैं. तभी सीसीटीवी कैमरे के एक फ्रेम में उसी सड़क पर एक लड़की दाखिल होती है. लड़की के साथ एक लड़का भी नजर आता है. अचानक वो लड़का उस लड़की पर हमला कर देता है. वो हमला करता है, और वहां सड़क पर मौजूद लोग इस हमले के चश्मदीद बन जाते हैं और फिर यूं ही वहां से गुजरने लगते हैं, जैसे कुछ हुआ ही नहीं. और हमले का शिकार बनी वो लड़की उसी सड़क पर दम तोड़ देती है. और वो कातिल लड़का उस लड़की की लाश के करीब बैठ जाता है. और वो उस मुर्दा लड़की से बातें करने लगता है. और तब तक बातें करता है, जब तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंच जाती. दिल दहला देने वाली ये कहानी महाराष्ट्र के पालघर जिले की है. 18 जून 2024, वसई इलाका, पालघर सुबह का वक़्त है. और लोग अपने-अपने काम पर जा रहे हैं. इन्हीं लोगों में एक ये लड़की भी है, जो एक बैग लिए रास्ते से गुजर रही है, तभी पीछे से एक लड़का उसके पास आता है और अचानक वो लड़की पर किसी भारी चीज़ से वार कर देता है. ये एक वार ही इतना खतरनाक है कि लड़की को संभलने का मौका ही नहीं मिलता और वो चक्कर खा कर बीच सड़क पर गिर जाती है. लेकिन इसके बाद जो कुछ होता है, उसे देखने के लिए भी हिम्मत जरूरी है. हमला करने वाला लड़का एक के बाद एक अपने पास मौजूद हथियार से लड़की पर वार करने लगता है और हर वार के साथ लड़की के जिस्म में हरकत थोड़ी कम होती जाती है.
दो अलग-अलग वारदात, एक अंजाम ऐसी ही एक वारदात ठीक एक साल पहले दिल्ली में हुई थी. जब एक लड़की को गलियों के बीच चाकुओं मार कर और पत्थर से कुचल कर एक लड़के ने ठीक ऐसी ही मौत दी थी. दिल्ली और पालघर के बीच फ़ासला बेशक हजार किलोमीटर से भी ज्यादा को हो, लेकिन इन दोनों ही वारदातों में एक गजब की सिमिलैरिटी यानी एकरूपता है. इन दोनों वारदातों के इस कनेक्शन की बात भी करेंगे लेकिन आईए पहले पालघर की घटना पर फोकस करते हैं.
लोहे के पाने से हमला पालघर की सड़क पर हुए इस खौफनाक हमले से महज चंद सेकेंड्स के अंदर लड़की पूरी तरह से बेसुध या यूं कहें कि बेजान होकर सड़क पर निढाल हो जाती है. अब तक ये साफ हो चुका है कि लड़के के हाथों में मौजूद वो हथियार कुछ और नहीं, बल्कि लोहे का एक पाना है. जिससे नट-बोल्ट कसे जाते हैं. अब एक इतने भारी-भरकम औज़ार को अगर कोई हथियार बना कर किसी पर हमला करे और वो भी सिर जैसे नाजु़क और अहम हिस्से पर, तो फिर किसी की हालत क्या हो सकती है, ये समझना मुश्किल नहीं है और यहां इस वक़्त इस लड़की के साथ वही हो रहा है.
एक बाद एक कई वार कैमरे में कैद इस वारदात को देखा जाए तो वो लड़का एक के बाद एक लगातार उस लड़की पर वार करता जा रहा है. एक, दो, तीन, चार, पांच, छह... आप गिनते-गिनते थक जाएंगे, लेकिन हमला करने वाले लड़के के हाथ नहीं थकते और वो लगातार लड़की को अपना निशाना बनाता रहता है. लेकिन आखिर एक लड़का बीच सड़क पर ऐसा हैवान क्यों बन गया? इस लड़के का इस पीड़ित लड़की से आखिर क्या रिश्ता है? दोनों के बीच ऐसी क्या दुश्मनी है? हम आपको इन सारे सवालों के जवाब बताएंगे.
एक शख्स की नाकाम कोशिश इस पूरी वारदात में सबसे अजीब और हैरान करने वाली बात है मौके पर इतने सारे लोगों की मौजूदगी. कैसे ये सबकुछ सैकड़ों लोगों की आंखों के सामने हो रहा है. लेकिन वहां मौजूद लोग एकजुट होकर लड़के को रोकने की कोई असरदार कोशिश नहीं करते. एक के बाद एक कई वार के बाद एक शख्स लड़के को रोकने के लिए आगे बढ़ता है, वो दो से तीन बार लड़के को पकड़ता है, उसे रोकता-समझाता हुआ दिखता है, लेकिन जब लड़का उसी शख्स को हमले की धमकी देता, तो घबरा कर वो भी पीछे हट जाता है.
वो मारता रहा, लोग तमाशा देखते रहे लेकिन इतने लोगों के बीच सिर्फ एक ही शख्स का आगे बढ़ कर लड़की को बचाने की कोशिश करना बहुत अजीब है. बाकी के सभी लोग अब भी बस हाथ पर हाथ धरे मौके पर खड़े-खड़े तमाशा देख रहे हैं. हमले की तस्वीरों को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि कैसे वहां बीसियों लोग बीच सड़क पर हो रही इस वारदात से महज चंद क़दम के फासले पर चुपचाप खड़े हैं, लेकिन लड़की को बचाने की पहल नहीं कर रहे हैं. कुछ तो वहां से ऐसे आगे निकलते जा रहे हैं, मानों उन्हें वहां हो रही वारदात से कोई फर्क ही नहीं पड़ता.
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आम आदमी पार्टी हाल में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव में 62 सीटों से नीचे गिरकर 22 सीटों पर आ गई. पार्टी के बड़े-बड़े धुरंधर जिनमें अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन, सोमनाथ भारती शामिल हैं, चुनाव हार गए. लेकिन कालकाजी में काफी कड़े मुकाबले में आतिशी ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को हराने में सफलता पाई.