पहले किराए से दिया मकान, फिर मकान मालिक के बेटे ने किरायेदार के कमरे से कर ली लाखों की चोरी
AajTak
Crime News: किरायेदार नंद किशोर अपने परिवार के साथ घर में ताला लगाकर रिश्तेदारी में चला गया था. मकान मालिक को घर की देखरेख करने की जिम्मेदारी भी दे दी. लेकिन मकान मालिक के बेटे और भतीजे ने किरायेदार के सूने मकान का ताला तोड़ा और चोरी की नीयत से घुस गए.
Crime News: मध्य प्रदेश के गुना जिले में हुई चोरी की एक वारदात ने पुलिस को परेशानी में डाल दिया. लेकिन जब चोरी की घटना से पर्दा उठा तो सब हैरान रह गए. 20 नवंबर को फरियादी नंद किशोर के घर चोरी हो गई थी. जिस वक्त चोरी हुई, उस वक्त घर पर ताला लगा हुआ था. सूना घर होने के कारण चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया. 1 लाख रुपये के सोने चांदी के जेवर और साढ़े तीन हजार रुपये नकद चोरी हुए. फरियादी की सूचना पर पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया. चोर ताला तोड़कर मकान के अंदर घुसे थे.
जांच करने के बाद पुलिस को मकान मालिक के बेटे पर शक हुआ. पुलिस ने मकान मालिक गोविंद राजौरिया के बेटे कपिल पर नजर रखना शुरू की तो मामले का खुलासा हो गया. कपिल राजौरिया और उसके चचेरे भाई आशीष ने चोरी की साजिश रची थी. किरायेदार नंद किशोर के घर में ही चोरी करने का प्लान बनाया गया.
कपिल और आशीष शॉर्टकट से पैसा कमाना चाहते थे. इसी बीच किरायेदार नंद किशोर अपने परिवार के साथ घर में ताला लगाकर रिश्तेदारी में चला गया. मकान मालिक को घर की देखरेख करने की जिम्मेदारी भी दे दी. लेकिन मकान मालिक के बेटे और भतीजे ने किरायेदार के सूने मकान का ताला तोड़ा और चोरी की नीयत से घुस गए.
घर में रखी अलमारी से सोने चांदी के गहने और नकद रुपये निकाल लिए. 6 दिन बाद जब किरायेदार नंद किशोर घर वापिस लौटा तो उसे ताला टूटा मिला. नंद किशोर ने पुलिस को चोरी की सूचना दे दी.
पुलिस ने मकानमालिक और किरायेदार के बीच रास्ते को देखा तो पुलिस को शक हुआ कि हो न हो, चोर परिचित व्यक्ति ही है. पुलिस ने मकानमालिक के घरवालों पर निगरानी रखना शुरू की तो कपिल और आशीष के नाम सामने आ गए. पैसों की चाहत ने दोनों युवाओं को चोरी के रास्ते पर धकेला आरोपियों ने भी अपना जुर्म कुबूल लिया है. पुलिस के दबाव में चुराए गए मंगलसूत्र, सोने की अंगूठी, कान की बालियां, चांदी की बिछुड़ी सहित 1 लाख रुपये का सामान बरामद कर लिया गया है.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.