'पहले किया बच्चे का मर्डर फिर मांगी फिरौती', प्रयागराज किडनैपिंग केस में पुलिस का बड़ा खुलासा
AajTak
पुलिस ने बताया कि शुभ की हत्या पहले ही कर दी गई थी. फिरौती का कॉल बाद में किया गया. 15 लाख रुपए की डिमांड की गई थी. फोन की लोकेशन से पुलिस हत्यारों तक पहुंची. दो आरोपियों ने पुलिस पर फायर किया, जिन्हें शॉर्ट एनकाउंटर कर गिरफ्तार कर लिया गया है.
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में फिरौती नहीं मिलने पर किडनैप किए गए 15 साल के बच्चे की बेरहमी से हत्या कर दी. फिरौती में बदमाशों ने 15 लाख रुपए की मांग की थी. बच्चे का शव चित्रकूट के जंगलों में मिला. पुलिस ने जंगल की घेराबंदी कर भागने की कोशिश कर रहे दो बदमाशों का शॉर्ट एनकाउंटर कर गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस की चलाई गोली से बदमाश घायल हुए हैं.
दरअसल, शनिवार शाम कारोबारी पुष्पराज केसरवानी के 15 वर्षीय बेटे शुभ का अपहरण किया गया था. पीड़ित पिता की शिकायत पर शंकरगढ़ थाने में शुभ के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की गई थी. बच्चे की तलाश में प्रयागराज पुलिस की कई टीमें लगी हुई थीं. घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की भी पुलिस ने पड़ताल की थी.
खरगोश दिखाने के बहाने शुभ को ले गए साथ
पुलिस की पूछताछ में जानकारी मिली कि पुष्पराज के दो ट्रक भी चलते हैं, जिसमें एक ट्रक का ड्राइवर लोकनाथ है. लोकनाथ का भाई सुखदेव का भी पुष्पराज के घर आना जाना था. सुखदेव अपने भतीजे गणेश और संजय के साथ पुष्पराज के घर शनिवार शाम पहुंचा था. पुष्पराज के बेटे शुभ को जंगल में खरगोश दिखाने के बहाने बाइक पर बिठकर साथ ले गए थे.
चित्रकूट के जंगल से मिला शुभ का शव
पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा के मुताबिक अपहरणकर्ताओं की ओर से सिर्फ एक बार फोन कर फिरौती मांगी गई थी. दोबारा कॉल नहीं किया गया. अपहरणकर्ताओं के फोन सर्विलांस पर रखकर जांच की गई. पुलिस को एक आरोपी गणेश की लोकेशन चित्रकूट के बरगढ़ के जंगलों में मिली. उसे गिरफ्तार किया गया, निशानदेही पर बरगढ़ के जंगल में शुभ का शव बरामद हुआ.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.