पहले इनकार के बाद केंद्र ने माना- पात्र न होने के बावजूद हुई आईआईएम रोहतक के निदेशक की नियुक्ति
The Wire
आईआईएम रोहतक के निदेशक धीरज शर्मा की नियुक्ति को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. जहां शिक्षा मंत्रालय ने माना कि शर्मा को स्नातक स्तर पर द्वितीय श्रेणी मिलने के बावजूद इस पद पर नियुक्त किया गया जबकि इसके लिए प्रथम श्रेणी से डिग्री होना अनिवार्य शर्त है. शर्मा को नियुक्ति के साथ दूसरे कार्यकाल की मंज़ूरी भी मिली थी.
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में आखिरकार यह स्वीकार किया है कि भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के निदेशक को न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के मानदंडों को पूरा नहीं करने के बावजूद न सिर्फ उनके नियुक्त किया गया बल्कि उनके दूसरे कार्यकाल को भी मंजूरी दी गई.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एक हलफनामे में यह स्वीकार किया कि आईआईएम रोहतक के निदेशक धीरज शर्मा ने द्वितीय श्रेणी में स्नातक डिग्री हासिल की थी जबकि इस पद के लिए प्रथम श्रेणी में डिग्री अनिवार्य है.
शर्मा की नियुक्ति और इस पद पर उन्हें बने रहने को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.
सितंबर 2021 में अखबार की रिपोर्ट में बताया गया था कि उनकी स्नातक की डिग्री के लिए शर्मा को तीन पत्र भेजे गए थे लेकिन उन्होंने अभी तक सरकार को अपनी डिग्री मुहैया नहीं कराई है.