पहले अखिलेश, अब नीतीश नाराज... कहीं INDIA गठबंधन के लिए दो बड़े राज्यों का रास्ता ब्लॉक न हो जाए?
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जोर-शोर के साथ जिस विपक्षी गठबंधन की नींव पड़ी थी, अब उसके भविष्य को लेकर बहस छिड़ गई है. पहले अखिलेश यादव ने यूपी में अपनी लकीर खींच दी.अब नीतीश कुमार ने भी नाराजगी जाहिर कर दी है. कहीं इंडिया गठबंधन के लिए दो बड़े राज्यों का रास्ता ब्लॉक न हो जाए, अब ये चर्चा भी शुरू हो गई है.
बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में बड़ी जोर-शोर के साथ जिस विपक्षी गठबंधन की नींव पड़ी थी, पांच राज्यों में चुनाव के बीच वह दरकती दिख रही है. पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने विपक्षी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस यानी इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की भूमिका को लेकर तल्ख तेवर दिखाए. अब इस एकजुटता की कवायद के कर्णधार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी नाराज हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर पटना की मीटिंग से विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस यानी INDIA गठबंधन का गठन हुआ था. विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए पटना से कोलकाता, दिल्ली से चेन्नई एक कर देने वाले नीतीश कुमार ने कहा है कि आजकल गठबंधन का कोई काम नहीं हो रहा. कांग्रेस पांच राज्यों के चुनाव में व्यस्त है, इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है.
उन्होंने ये भी कहा कि हम सबको एकजुट कर, साथ लेकर चलते हैं. हम लोग सोशलिस्ट हैं. सोशलिस्ट और कम्युनिस्ट को एक होकर आगे चलना है. अब नीतीश के इस बयान के मीन-मेख निकाले जाने लगे हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृ्त्व वाले केंद्र की सत्ता पर काबिज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए को हराने के लिए एक सीट पर एक उम्मीदवार के फॉर्मूले की वकालत करने वाले नीतीश आखिर अचानक इतने तल्ख क्यों हो गए?
सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं, क्योंकि इस बयान के एक दिन पहले ही नीतीश कुमार से जब इंडिया गठबंधन में अनबन को लेकर सवाल हुआ, तब उन्होंने हाथ जोड़ लिए थे. ऐसे समय में जब यूपी में अखिलेश यादव ने 65 सीटों पर चुनाव लड़ने का एकतरफा ऐलान कर अपनी लकीर खींच दी है, नीतीश कुमार के इस बयान के मायने क्या हैं? सुशासन बाबू का ये बयान कहीं हिंदी पट्टी के दो बड़े राज्यों में इंडिया गठबंधन का रास्ता ब्लॉक हो जाने का संकेत तो नहीं?
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी कह चुके हैं कि गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है. हम फिर बैठेंगे और मिलकर आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे. ऐसे में सवाल विपक्षी गठबंधन के भविष्य को लेकर भी उठ रहे हैं.
वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क ने इन सबको लेकर कहा कि बिहार में भी वही हो रहा है जो मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में हो रहा है. सूबे की सियासत पहले से ही दो धड़ों में बंटी हुई है, एनडीए और महागठबंधन. महागठबंधन में वो सभी पार्टियां पहले से ही हैं जो नवगठित इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं.
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दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अरविंद केजरीवाल को Z प्लस की सुरक्षा मिली हुई है. वो दूसरे राज्य की सुरक्षा की नहीं ले सकते और न और न उनको दूसरे राज्य से सुरक्षा मिल सकती है. ये कानूनी तौर पर गलत है. अगर दूसरे राज्य के VVIP आते हैं और उनके साथ सुरक्षा होती है, तो वो भी 72 घंटे ही सिक्योरिटी रख सकते हैं.
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