पहली बार इस मुस्लिम देश के राष्ट्रपति को PM मोदी ने गणतंत्र दिवस पर बनाया चीफ गेस्ट, जानें कौन हैं वो
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मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्तेह अल-सीसी कट्टर मुसलमान माने जाते थे. बचपन से ही उन्हें सेना से लगाव था और 70 के दशक में वो सेना में शामिल भी हो गए. सालों तक सेना में अपनी सेवाएं देने के बाद 2014 में वो राष्ट्रपति बने थे. राष्ट्रपति बनने के बाद भी उनका सेना प्रेम कम नहीं हुआ और देश के बाकी क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देने के बजाए वो सेना को ही मजबूत बनाने में लगे रहे.
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी इस गणतंत्र दिवस बतौर मुख्य अतिथि भारत आ रहे हैं. ये पहली बार है जब मिस्र के राष्ट्रपति भारत के गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट बनकर आ रहे हैं. जिस समय में मिस्र के राष्ट्रपति को भारत ने चीफ गेस्ट बनाकर बुलाया है, वह भी खास है. मिस्र इस समय आर्थिक संकट से गुजर रहा है और कई अरब देश भी मदद के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. हाल ही में भारत ने जब गेहूं पर निर्यात पर पाबंदी लगाई थी, तब भी मिस्र को गेहूं को कई टनों की खेप भेजी थी.
तो चलिए जानते हैं भारत के मेहमान बनकर आ रहे सीसी के बारे में.
सीसी का शुरुआती जीवन
सीसी को मिस्र में एक प्रभावशाली नेता माना जाता है जिन्होंने देश में राजनीतिक स्थिरता पैदा की है. कहा जाता है कि मिस्र की सत्ता पर सीसी की पकड़ लोहे जैसी मजबूत है. राष्ट्रपति बनने से पहले सीसी मिस्र के सेना प्रमुख थे जिन्होंने जुलाई 2013 में राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी को सत्ता से हटा दिया था. इसके एक साल बाद वो खुद मिस्र के राष्ट्रपति बन गए.
सीसी का जन्म 1954 में काहिरा के गमलेया इलाके में हुआ था. सीसी का परिवार इस्लाम को मानने वाला एक धार्मिक परिवार था. उनके पिता फर्नीचर का काम करते थे और परिवार चलाने लायक कमा लेते थे. सीसी पढ़ने में बेहद अच्छे थे और बचपन से ही उनका झुकाव सेना की तरफ था.
1977 में सीसी ने मिस्र की सैन्य अकादमी से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और इसके बाद पैदल सेना में भर्ती हो गए. इसी दौरान उन्होंने एक मशीनीकृत डिवीजन की कमान भी संभाली. सीसी बेहद तेज दिमाग के युवा थे और देखते ही देखते वो सेना के बड़े पदों पर पहुंचने लगे. वह सऊदी अरब में राजनयिक सैन्य चीफ-ऑफ-स्टाफ नियुक्त किए गए और फिर मिस्र के उत्तरी मिलिट्री जोन के कमांडर के रूप में उन्होंने अपनी सेवाएं दीं.
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