
पश्चिम बंगाल में वही रणनीति अपना रही हैं ममता बनर्जी, जो कुछ साल पहले तक PM नरेंद्र मोदी अपनाते थे...
NDTV India
ममता बनर्जी वही काम कर रही हैं जो काम कुछ सालों पहले तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किया करते थे, जब वह गुजरात के चुनाव को गुजरात की अस्मिता से जोड़ते थे. आज पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी इस चुनाव को बंगाल की अस्मिता से जोड़ रही है और उसे वहीं बनाने की कोशिश कर रही हैं
West bengal Assembly Elections 2021: पश्चिम बंगाल के चुनाव में ममता बनर्जी की रणनीति साफ़ है. उन्होंने ख़ासतौर पर इस चुनाव में महिला मतदाताओं को चुना है.ममता को मालूम है कि महिला मुख्यमंत्री होने के नाते महिलाओं में उनके प्रति एक ख़ास आकर्षण है. यही वजह है कि वह अपनी रैलियों में महिलाओं को ख़ासी तौर पर संबोधित करती है. एक तो ममता बनर्जी की रैली बांग्ला भाषा में होती है और आप मानें या न मानें यहां पश्चिम बंगाल में भाषा एक ज़रूर मुद्दा है आपको कई ऐसे लोग मिल जाएंगे जो आपको सीधे तौर पर कहेगें कि हिंदी जानी नाय यानि उन्हें हिंदी नहीं आती, खासकर महिलाएं, यही वजह है कि ममता जब रैली में आती है तो महिलाओं से सीधे संवाद करने की कोशिश करती है वो बांग्ला में बोलती है वो बांग्ला बनाम अन्य का मुद्दा भी उठाती है. महिलाओं से पूछती है कि उन्होंने, उनके लिए जो काम की है उसका फ़ायदा उन्हें मिल रहा है या नहीं मिल रहा है और महिलाएं इसका जवाब भी 'ममता दीदी' को देती हैं इसलिए ममता बनर्जी की रणनीति साफ़ है उन्हें लगता है कि उन्हें अधिक संख्या में महिला वोट मिलें, अधिक संख्या में अल्पसंख्यक वोट भी लें और थोड़ी संख्या में बहुसंख्यक लोगों या कहें बचे हुए हिंदू वोट मिलें तो उनका एकबार फिर से मुख्यमंत्री बनना तय हो सकता है.More Related News