पश्चिम बंगाल में चुनावी रैलियों के बाद कितना बढ़ा कोरोना संक्रमण?
BBC
राज्य में प्रचार रद्द करने का ऐलान करनेवाली पार्टियों में भारतीय जनता पार्टी सबसे पीछे थी.
27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच 34 दिनों में फैला, आठ चरण वाला पश्चिम बंगाल का चुनाव, भारत में सबसे लंबा विधानसभा चुनाव था. चुनाव से पहले के प्रचार का वक़्त भी जोड़ लें तो क़रीब दो महीने में राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तो बढ़ी ही, कोरोना संक्रमण में भी बहुत तेज़ी आई. फ़रवरी के आख़िरी हफ़्ते में जब चुनाव आयोग ने मतदान की तारीख़ों का ऐलान किया, तब पश्चिम बंगाल में कोरोना के रोज़ाना 200 से कम पॉज़िटिव मामले आ रहे थे. आख़िरी चरण तक पहुँचते-पहुँचते रोज़ाना आनेवाला ये आँकड़ा क़रीब 900 प्रतिशत बढ़कर 17,500 के ऊपर पहुँच गया. दो मार्च 2021 को पश्चिम बंगाल में कोरोना पर इतना नियंत्रण हो चुका था कि एक भी व्यक्ति की इससे मौत दर्ज नहीं की गई. ठीक दो महीने बाद, मतगणना के दिन, दो मई 2021 को कोरोना से मरनेवालों की तादाद 100 पार कर गई. ये वही दौर था, जब पूरे देश में कोरोना संक्रमण तेज़ी से बढ़ा. महाराष्ट्र सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य रहा. यहाँ चुनाव नहीं हो रहे थे.More Related News