
पश्चिम बंगाल में कोरोना से बदहाल और आतंकित हैं ग्रामीण इलाक़े
BBC
पश्चिम बंगाल सरकार भले ही बेड और ऑक्सीजन की कमी न होने का दावा करे, ग्रामीण इलाक़ों की तस्वीर बदहाल ही है.
"बुखार और गले में दर्द होने के बाद मैंने अस्पताल में दाखिले के लिए स्वास्थ्य विभाग के कंट्रोल रूम में फ़ोन किया. लेकिन मुझे बताया गया कि कहीं भी बेड ख़ाली नहीं है. आख़िर मुझे क़रीब 36 घंटे बाद एक अस्पताल में बेड मिला." पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से सटे उत्तर 24-परगना ज़िले के वनगाँव इलाक़े के सौरभ कुंडू (बदला हुआ नाम) बताते हैं कि उनके गाँव में पहले तो कोरोना की जाँच नहीं हो पा रही है और जाँच हुई भी, तो रिपोर्ट आने में तीन से चार दिन लग रहे हैं. उसके बाद अस्पतालों में बेड तलाशने की क़वायद शुरू हो जाती है. लेकिन कहीं से ठोस जानकारी नहीं मिल पाती. पश्चिम बंगाल में कोरना संक्रमण के मामले में उत्तर 24-परगना ज़िला अब राजधानी कोलकाता को टक्कर देने लगा है. दस मई, सोमवार को रात आठ बजे तक के आँकड़ों के मुताबिक़, उत्तर 24-परगना ज़िले में क़रीब चार हज़ार नए मामले आए और 34 मरीज़ों की मौत हो गई.More Related News