
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही मौतों ने क्यों बढ़ाई योगी आदित्यनाथ सरकार की चिंता?
BBC
फ़िरोज़ाबाद में 40 लागों की मौत हो गई है. इसके अलावा मथुरा, कासगंज, आगरा, एटा और मैनपुरी में भी 50 लोग जान गंवा चुके हैं. अफ़वाहों का बाज़ार भी गर्म है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क़रीब छह ज़िलों में वायरल बुख़ार ने पिछले क़रीब एक हफ़्ते से क़हर बरपाना शुरू कर दिया है. फ़िरोज़ाबाद के अलावा मथुरा, कासगंज, आगरा, एटा और मैनपुरी में अब तक बुख़ार से क़रीब 50 लोगों की मौतें हो चुकी हैं जिनमें ज़्यादातर बच्चे हैं. सबसे ज़्यादा 40 लोगों की मौत फ़िरोज़ाबाद में हुई है. फ़िरोज़ाबाद में मरने वालों में 32 बच्चे शामिल हैं. इन सभी मामलों में तेज़ बुखार के साथ प्लेटलेट्स की संख्या में अचानक गिरावट के लक्षण देखे जा रहे हैं. फ़िरोज़ाबाद की मुख्य चिकित्सा अधिकारी नीता कुलश्रेष्ठ ने बीबीसी को बताया, "हमने मेडिकल कॉलेज और ज़िला अस्पताल में व्यवस्था कर रखी है. मरीज़ों की संख्या काफ़ी ज़्यादा है और बहुत ही जल्दी इस बीमारी में मौत हो रही है, ख़ासकर बच्चों की. जिन इलाक़ों में ज़्यादा मामले आ रहे हैं वहां कैंप लगाकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. ज़रूरत पड़ने पर उन्हें अस्पताल में शिफ़्ट कर रहे हैं." डॉक्टर नीता कुलश्रेष्ठ ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग बीमारी से ठीक भी हो चुके हैं, लेकिन वायरस को ख़त्म होने में कम से कम दो हफ़्ते का समय लग रहा है जबकि सामान्य बुखार चार से पांच दिनों में ठीक हो जाता है. सीएमओ नीता कुलश्रेष्ठ का यह भी कहना है कि मरने वालों में अब तक कोई भी व्यक्ति कोरोना पॉज़िटिव नहीं है. फ़िरोज़ाबाद के अलावा मथुरा में भी अब तक बुखार से नौ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कासगंज में तीन लोग बुख़ार की वजह से अपनी जान गँवा चुके हैं. मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों की भी कमी होने लगी है. फ़िरोज़ाबाद के ज़िला अस्पताल में वायरल बुखार से पीड़ित 100 से ज़्यादा बच्चों का इलाज किया जा रहा है. यही हाल आगरा और मथुरा के ज़िला अस्पतालों का भी है.More Related News