पर्वतारोही, AI साइंटिस्ट, गूगल बॉय... जानिए कौन हैं वो 19 प्रतिभाशाली बच्चे जिन्हें मिला बाल पुरस्कार
AajTak
नौ साल के पर्वतारोही, यंग एआई साइंटिस्ट, दिव्यांग चित्रकार से लेकर 'गूगल बॉय' तक देश के प्रतिभाशाली 19 बच्चों को सोमवार को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया. जानिए- इन बच्चों के बारे में...
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के 19 ऐसे बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा जो अपनी असाधारण उपलब्धियों से पहचाने जाते हैं. विजेताओं में महाराष्ट्र के 12 वर्षीय आदित्य विजय ब्राह्मणे भी शामिल हैं, जिन्हें उनके असाधारण साहस के लिए मरणोपरांत सम्मानित किया गया. खेलते समय अपने चचेरे भाइयों हर्ष और श्लोक को नदी में डूबने से बचाने के लिए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी.
राजस्थान के 17 वर्षीय आर्यन सिंह इस पुरस्कार के एक और उल्लेखनीय नाम हैं. आर्यन ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित रोबोट एग्रोबॉट विकसित किया, जिसका उद्देश्य इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को एकीकृत करके किसानों के जीवन को सरल बनाना है.
छत्तीसगढ़ के अरमान उबरानी, जिन्हें 'गूगल बॉय' के नाम से भी जाना जाता है. अरमान ने गणित और विज्ञान में उत्कृष्ट कौशल के लिए पुरस्कार अर्जित किया. छह साल की छोटी उम्र में, उबरानी ने कई मील के पत्थर हासिल किए हैं, जिसमें एक पुस्तक श्रृंखला की सबसे कम उम्र की लेखक बनना और 100 गुणन योगों को हल करना व राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करना शामिल है.
कला और संस्कृति के क्षेत्र में, उत्तर प्रदेश की आठ वर्षीय अनुष्का पाठक ने 'कथा वाचन' (धार्मिक पाठ कथन) में खुद को स्थापित किया है. अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए, पाठक ने अपने प्रदर्शन से 22 राज्यों के दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और आध्यात्मिक क्षेत्र में एक मान्यता प्राप्त हस्ती बन गईं.
पारंपरिक पखावज बजाने में माहिर पश्चिम बंगाल के 13 वर्षीय अरिजीत बनर्जी ने सांस्कृतिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है. अंतर्राष्ट्रीय ध्रुपद महोत्सव जैसे प्रतिष्ठित कार्यक्रमों में प्रदर्शन करने के बाद, बनर्जी को भारत रत्न एमएस सुब्बुलक्ष्मी फ़ेलोशिप और एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स जैसे सम्मान प्राप्त हुए हैं.
गंभीर सेरेब्रल पाल्सी का सामना करने के बावजूद, गुजरात के 13 वर्षीय हेतवी कांतिभाई खिमसुरिया ने असाधारण कलात्मक क्षमताओं का प्रदर्शन किया है. हेतवी ने फ्री-हैंड पेंटिंग के 250 वर्क किए हैं और कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं. साथ ही निःस्वार्थ रूप से विकलांग बच्चों की सहायता के लिए अपनी मासिक विकलांगता पेंशन दान कर दी है.
Delhi Pollution: सर्द मौसम की शुरुआत होने के साथ ही दिल्ली की हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. आलम यह है कि नवंबर के मध्य में ही दिल्ली में धुंध की एक मोटी परत छा गई है, जिससे लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है. लोगों को सांस लेने में समस्या से लेकर गले में जलन तक की परेशानी से जूझते हुए देखा जा रहा है.
Redmi A4 5G Launch in India: Xiaomi के सस्ते फोन Redmi A4 5G को खरीदते हुए आपको सावधान रहने की जरूरत है. ये फोन 5G सपोर्ट के साथ तो आता है, लेकिन इस पर आपको Airtel 5G का सपोर्ट नहीं मिलेगा. कंपनी ने लॉन्च इवेंट में तो इस बारे में जानकारी नहीं दी थी, लेकिन स्पेक्स पेज पर एक छोटी डिटेल जरूर दी है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
UP Police Recruitment Scam: यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने 2020-21 में सब-इंस्पेक्टर, प्लाटून कमांडर और अग्निशमन अधिकारी के पदों के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की थी. जांच में सामने आया कि सात अभ्यर्थियों ने अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर सॉल्वर गैंग की मदद से अपनी जगह सॉल्वर गैंग के डमी कैंडिडेंट्स को बैठाया था.
Hyundai Ioniq 9 साइज में काफी बड़ी है और कंपनी ने इसके केबिन में बेहतर सीटिंग अरेंजमेंट के साथ इसके व्हीलबेस को भी लंबा बनाया है. इसमें थर्ड-रो (तीसरी पंक्ति) में पीछे की तरफ घूमने वाली सीट दी गई है. इसके अलाव ये कार व्हीकल टू लोड (V2L) फीचर से भी लैस है, जिससे आप दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी पावर दे सकते हैं.
इस प्रक्रिया की सफलता की जांच करने के लिए पहले मॉक टेस्ट का आयोजन किया जाएगा. मॉक टेस्ट में चार अलग-अलग पारियों में 400 स्टूडेंट्स को बुलाया जाएगा, और इसके लिए छात्रों को 23 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा. अगर यह टैबलेट बेस्ड टेस्ट प्रक्रिया सही तरीके से आयोजित होती है, तो भविष्य में कर्मचारी चयन बोर्ड की छोटी भर्ती परीक्षाओं के लिए भी टैबलेट मोड पर परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई जाएगी.
गुड़गांव की सबसे महंगी सोसायटी ‘द कैमिलियास’ में फ्लैट का मालिक होना एक स्टेटस सिंबल माना जाता है. यहां रहना हर किसी का सपना होता है, लेकिन भारत में शायद 0.1% लोग ही इस सपने को पूरा करने की क्षमता रखते हैं. फिर भी, आम लोगों के मन में हमेशा यह सवाल रहता है कि आखिर करोड़ों के इन फ्लैट्स का अंदरूनी नजारा कैसा होता है.