![पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा का निधन, कोरोना से पीड़ित थे](https://images.thequint.com/quint-hindi%2F2021-05%2F55532934-7791-480d-8c67-ae2bc9ce5ff4%2Fsundar_18833043.jpg?w=1200&auto=format%2Ccompress&ogImage=true)
पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा का निधन, कोरोना से पीड़ित थे
The Quint
Sunderlal Bahuguna dies: He breathed his last at AIIMS in Rishikesh, news agency PTI reported quoting hospital authorities.
पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा का निधन हो गया, सुंदर लाल बहुगुणा कोरोना से संक्रमित थे, वह चिपको आंदोलन के प्रणेता थे. सुंदर लाल बहुगुणा को पहले कोरोना हुआ था, कोरोना के साथ ही उनको निमोनिया भी हो गया था. पिछले कई दिनों से वो अस्पताल में भर्ती थे.कोरोना संक्रमित होने के बाद 8 मई को उन्हें एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था.पीएम मोदी ने सुंदरलाल के निधन पर शोक जताते हुए लिखा है-Passing away of Shri Sunderlal Bahuguna Ji is a monumental loss for our nation. He manifested our centuries old ethos of living in harmony with nature. His simplicity and spirit of compassion will never be forgotten. My thoughts are with his family and many admirers. Om Shanti.— Narendra Modi (@narendramodi) May 21, 2021 सुंदरलाल बहुगुणा का जन्म 9 जनवरी 1927 को टिहरी जिले में में हुआ था, उनके पिता अंबादत्त बहुगुणा टिहरी रियासत में वन अधिकारी थे. 13 साल की उम्र में अमर शहीद श्रीदेव सुमन के संपर्क में आने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई. कौन थे सुंदरलाल?सुंदर लाल ने चिपको आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. पर्यावरण सुरक्षा के लिए 1970 में शुरू हुआ आंदोलन देश में फैल रहा था, तब सुंदरलाल ने कुछ लोगों के साथ मिलकर जंगल बचाने के लिए चिपको आंदोलन की शुरुआत की. 1980 में सुंदरलाल ने हिमालय की 5000 किलोमीटर की यात्रा की, उन्होंने सैकड़ों गांवों में जा-जाकर लोगों की बीच सुरक्षा का संदेश फैलाया.सुंदरलाल बहुगुणा ने टिहरी बांध निर्माण का भी विरोध किया था और 84 दिन लंबा अनशन भी रखा था. एक बार उन्होंने विरोध स्वरूप अपना सिर भी मुंडवा लिया था. (हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)Published: 21 May 2021, 1:25 PM IST...More Related News