पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, अब हरियाणा पुलिस गांव-गांव जाकर किसानों से कर रही बात
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सुप्रीम कोर्ट द्वारा सख्त रवैया अपनाये जाने के बाद पुलिस थानों से बाहर निकल कर SHO खेतों की सैर कर रहे हैं. दरअसल हरियाणा में गेहूं की बिजाई का सीज़न में पंजाब के मुक़ाबले 20 दिन पहले शुरू हो जाता है और इसी क्रम में पराली भी पंजाब से पहले ही जला दी जाती है.
आपने कहावत सुनी होगी की सांप निकलने के बाद लकीर पीटना. हरियाणा में धान की कटाई के बाद ज़्यादातर पराली जल चुकी है और खेतों में गेहूं की बिजाई भी हो चुकी है. हालांकि दावा ये किया जा रहा है कि अबकी बार पिछले साल के मुक़ाबले पराली जलाने के मामले आधे से भी कम हुए हैं, लेकिन हक़ीक़त ये है कि पराली के मामले कम ज़रूर हुए हैं लेकिन रुके नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा सख्त रवैया अपनाये जाने के बाद पुलिस थानों से बाहर निकल कर SHO खेतों की सैर कर रहे हैं. दरअसल हरियाणा में गेहूं की बिजाई का सीज़न में पंजाब के मुक़ाबले 20 दिन पहले शुरू हो जाता है और इसी क्रम में पराली भी पंजाब से पहले ही जला दी जाती है. अब जब पराली बची ही नहीं है तो पुलिसकर्मी खेतों में कर क्या रहे हैं. आज तक संवाददाता सतेंद्र चौहान ने अंबाला के गांव से जायज़ा लिया. उन्होंने किसानों व अंबाला के SHO से बात की.
SHO ने कहा कि पुलिस अब सख़्त रवैया अपना रही है. लेकिन GT रोड के बिलकुल साथ लगते खेत में पराली जल चुकी है, लेकिन इस पर अभी तक किसी की नज़र नहीं गई. ज़्यादातर खेत पराली जलाने के बाद अब समतल कर दिए गए हैं, लेकिन कई जगह ऐसी भी है जहां पर पराली जलाने के सबूत अभी भी मौजूद हैं.
अंबाला ज़िले के एडिशनल SP दीपक कहते हैं कि दरअसल कृषि विभाग उनको सूचना देता है कि यहां पर पराली जल रही है तब जाकर पुलिस उन किसानों के चालान काटती है. यानी कि सिर्फ़ जुर्माना किया जाता है. वही अंबाला में एक मामला ऐसा भी आया था जहां पर कृषि अधिकारियों को किसानों ने बंधक बना लिया था जो की पराली जलाने से मना करने गए थे. किसानों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था. फ़िलहाल अंबाला ज़िले के तमाम थानेदारों को सख़्त हिदायत दे दी गई है.