![पत्रकारों ने कहा- मीडियाकर्मियों पर दर्ज हो रहे केस, छापे प्रेस को बुरी तरह प्रभावित करेंगे](https://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2022/07/TN-Ninan-at-Press-Club-Photo-Atul-The-Wire.jpg)
पत्रकारों ने कहा- मीडियाकर्मियों पर दर्ज हो रहे केस, छापे प्रेस को बुरी तरह प्रभावित करेंगे
The Wire
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ़्तारी का उल्लेख करते हुए दिल्ली के सात मीडिया संगठनों ने कहा कि सरकार का पत्रकारों को निशाना बनाना पूरे पेशे के भविष्य के लिए ख़तरनाक है.
नई दिल्ली: प्रेस को प्रभावित करने वाली हालिया ‘निराशाजनक घटनाओं’- पत्रकारों की गिरफ्तारी और जांच एजेंसियों द्वारा छापे- पर चिंता व्यक्त करते हुए पत्रकारों और विभिन्न मीडिया निकायों के प्रतिनिधियों इन्हें प्रेस के लिए ‘ख़राब’ संकेत बताया.
रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में दिल्ली के सात मीडिया संघों- प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, प्रेस एसोसिएशन, भारतीय महिला प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी), दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, डिजीपब न्यूज इंडिया फाउंडेशन और वर्किंग न्यूज कैमरामेन एसोसिएशन द्वारा ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ़्तारी के आलोक में बैठक की गई, जहां सरकार को बीते महीने जर्मनी में जी-7 शिखर सम्मलेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हस्ताक्षरित बोलने और सोचने की स्वतंत्रता पर दिए प्रस्ताव के बारे में याद दिलाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया.
इस प्रस्ताव में कहा गया कि मुकदमों के माध्यम से पत्रकारों और छापेमारी से संस्थानों को निशाना बनाने का मीडिया पर बेहद ख़राब असर होगा.
इन मीडिया निकायों के प्रतिनिधियों ने इस बारे में चिंता जाहिर करने के साथ ही एक ऐसा मंच तैयार करने की भी बात की, जो देशभर के पत्रकारों को एक साथ लाए और जहां वे मीडिया की आजादी की सुरक्षा की मांग उठा सकें. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा निशाना बनाए जा रहे रिपोर्टर्स को कानूनी मदद देने की भी एक व्यवस्था बनाई जानी चाहिए.