'पति-भाई की जान ली, बेटे को मारीं गोलियां', पीड़िता ने बताई अतीक-अशरफ के आतंक की कहानी
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अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की प्रयागराज में उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब दोनों को मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल लाया जा गया था. तीन हमलावरों ने पुलिस की मौजूदगी में मीडिया के कैमरों के सामने दोनों को गोली मारी थी.
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की रहने वालीं सूरजकली कुशवाहा ने माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के आतंक की कहानी बयां की है. सूरजकली ने कहा कि उन्हें न तो अतीक अहमद की मौत की खुशी है और न ही उसके जिंदा रहने का गम था.
सूरजकली उर्फ जयश्री ने आजतक से बातचीत में अतीक और अशरफ के आतंक की आपबीती सुनाते हुए कहा कि 1989 में मेरे पति अचानक गायब हो गए थे. अतीक ने मेरी साढ़े 12 बीघा जमीन हड़प ली थी. फर्जी लिखा-पढ़ी के जरिए हमारी जमीन हड़पी गई थी. अतीक अहमद ने हमारी जमीन बेचकर 200 लोगों को उस पर बसा दिया. मैं अनपढ़ थी, तो अतीक की चाल समझ नहीं पाई. विरोध करने पर पता चला कि यह सब अतीक का खेल था.
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की प्रयागराज में उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब दोनों को मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल लाया जा गया था. तीन हमलावरों ने पुलिस की मौजूदगी में मीडिया के कैमरों के सामने दोनों को गोली मारी थी.
'2016 में मुझ पर हमला हुआ'
जयश्री ने बताया कि मुझ पर और मेरे बेटे पर हमला किया गया. 2016 में मुझ पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं. मुझे दो गोली लगी. एक गोली गर्दन में भी लगी. अस्पताल में भी लगातार धमकियां मिलती रही.
वह बताती हैं कि अतीक कई बार विधायक और सांसद रह चुका था. उसका सिक्का चलता था. पुलिस वाले भी उसके खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार नही रहते थे. जब भी मैं पुलिस के पास शिकायत लेकर जाती थी, तो मुझे सुलह करने या फिर चुप रहने को कह दिया जाता था. मुझे कहा जाता था कि ये लोग तुम्हें मार देंगे. मैं बहुत गरीब परिवार से हूं.
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