पति की मौत कैसे हुई? शव कहां गया? 84 दिन की लड़ाई के बाद पत्नी ने ढूंढ निकाले सवालों के जवाब
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Assam Urvashi Moran: असम की रहने वाली उर्वशी का 1764 घंटों का इंतजार उस वक्त खत्म हुआ, जब एक गहरी कोयला खदान से उनके पति का शव निकाला गया. इसके लिए उन्होंने जो संघर्ष किया, वो कभी भुलाया नहीं जा सकता.
शादी को अभी 5 साल ही पूरे हुए हैं. रोज की तरह पति काम पर गए थे, घर पर एक छोटा बच्चा है. वो अपने पापा का इंतजार करता रहा, लेकिन वो नहीं लौटे. गए तो ऐसे गए कि शव तक नहीं मिल रहा था.
ये कहानी असम के तिनसुकिया जिले के हुकानी गांव की रहने वाली उर्वशी मोरान की है. उनके 1764 घंटों का इंतजार आज लोगों को पता चल रहा है. इससे पहले इस पर किसी ने बात करने की ज्यादा जहमत नहीं उठाई.
उनके पति प्रांजल मोरान 6 जनवरी को लीडो शहर के पास एक अवैध कोयला कोयला खदान में मजदूरी करने गए थे. इसके बाद वो लापता हो गए. कुछ दिन बाद उर्वशी को बताया गया कि उनके पति की मौत हो चुकी है.
उर्वशी का कहना है कि उन्होंने 12 जनवरी को पति से आखिरी बार बात की थी. वो दो दिन बाद ही माघ बीहू का त्योहार मनाने के लिए घर आने वाले थे. उन्होंने बेटे का ध्यान रखने और अपनी चिंता नहीं करने को कहा था.
5 लाख रुपये देने की बात कही
फिर अचानक 2 फरवरी को एक शख्स घर पर आया. उसने उर्वशी से कहा कि आपके पति का शव खदान में देखा गया है, जो सड़ गया है. इसलिए उसे लाना संभव नहीं है. कोयला खदान में इस तरह की घटनाएं होना आम बात है.
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