![पंजाब से कैसे अलग है राजस्थान का संकट, गहलोत-पायलट में बन पाएगी बात?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202209/gettyimages-477636677-sixteen_nine.jpg)
पंजाब से कैसे अलग है राजस्थान का संकट, गहलोत-पायलट में बन पाएगी बात?
AajTak
राजस्थान में अशोक गहलोत के सियासी उत्तराधिकारी के लिए राजनीतिक संग्राम छिड़ गया है. एक साल पहले जिस तरह से पंजाब में सियासी संकट छिड़ा था और कैप्टन अमरिंदर की जगह चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस हाईकमान ने सत्ता की कमान सौंपी थी. उसी तरह से राजस्थान में भी संकट छाया है, लेकिन पंजाब के हालत से काफी अलग हैं.
राजस्थान में अशोक गहलोत की जगह पर राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन हो, इसे लेकर भारी सियासी संकट खड़ा हो गया है. कांग्रेस हाईकमान सचिन पायलट को सीएम की कुर्सी सौंपना चाहता है, लेकिन अशोक गहलोत खेमे के विधायक तैयार नहीं है और बगावती तेवर अख्तियार कर रहे हैं. कांग्रेस के सामने जरूर एक बार फिर से पंजाब की तरह राजस्थान में भी सियासी संकट गहराया गया है, लेकिन दोनों राज्यों की स्थिति एक दूसरे से काफी अलग है.
पंजाब का सियासी संकट राजस्थान कांग्रेस के अंदर मुख्यमंत्री पद को लेकर मचा सियासी घमासान देखने में पंजाब की तरह नजर आ रहा हो, लेकिन काफी अंतर है. पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ नवजोत सिंह सिद्धू ने जरूर खुलकर मोर्चा खोल रखा था, लेकिन पार्टी के विधायकों की बड़ी संख्या भी कैप्टन को हटाने के पक्ष में थी. अगस्त 2019 में कैप्टन के खिलाफ सिद्धू ने सीएलपी की बैठक में बेअदबी और कई अन्य मुद्दों पर कार्रवाई ना होने पर सवाल उठाया था.
तत्कालीन पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पूरे मामले का हल निकालने के लिए पार्टी हाईकमान के निर्देश पर बैठकों का दौर शुरू किया. जनवरी 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पंजाब कांग्रेस प्रदेश कमिटी और जिला कमिटी को भंग कर दिया, लेकिन सुनील जाखड़ अपने पद पर बने रहे. वहीं, सिद्धू के साथ कांग्रेस विधायकों की नाराजगी भी सीएम के खिलाफ बढ़ती गई. मार्च 2020 में अमरिंदर ने अपने घर दावत का आयोजन किया, जिसमें कांग्रेस से आधे विधायक शामिल ही नहीं हुए. इसके बाद साफ हो चुका था कि पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.
सोनिया गांधी ने उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत को पंजाब का प्रभारी नियुक्त कर दिया. हरीश रावत ने नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त करा दिया. इसके बाद सिद्धू और कांग्रेस विधायकों ने ऐसा मोर्चा खोला कि कैप्टन को सीएम पद से सितंबर 2021 को इस्तीफा देना पड़ गया. इसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का अगला सीएम नियुक्त कर दिया, लेकिन उसके बाद न तो सत्ता में पार्टी की वापसी हो सकी और न ही खुद चन्नी अपना चुनाव जीत सके.
पंजाब से कैसे अलग है राजस्थान का संकट पंजाब की तरह ही राजस्थान में जरूर कांग्रेस के अंदर संकट गहराता दिख रहा है, लेकिन दोनों ही राज्यों की सियासी स्थिति काफी अलग है. पंजाब में कैप्टन के खिलाफ कांग्रेस के तो तिहाई विधायक खड़े थे और सीएलपी बैठक में बदलने का फैसला किया था जबकि राजस्थान में ऐसा नहीं है.
राजस्थान में कांग्रेस विधायक बड़ी संख्या में अशोक गहलोत के साथ हैं और सीएम बदलने के पक्ष में नहीं है. इतना ही नहीं सचिन पायलट को नए सीएम बनाने के लिए बड़ी संख्या में विधायक रजामंद भी नहीं है. इसकी एक बड़ी वजह पायलट का 2020 में बगावत करना और गहलोत की पार्टी पर पकड़ होना है.
![](/newspic/picid-1269750-20250211144803.jpg)
जम्मू-कश्मीर में मौसम ने एक बार फिर करवट बदली है. वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण पहाड़ों पर हल्की बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश हो रही है. इस साल कश्मीर में एक तिहाई से भी कम बर्फबारी हुई है, जिससे किसान और पर्यटक दोनों चिंतित हैं. कम बर्फबारी से फसलों पर असर और गर्मियों में पानी का संकट बढ़ने की आशंका है. गुरेज में स्नो क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य युवाओं को नशे से दूर रखना है. इस आयोजन में स्थानीय टीमों और सेना का सहयोग रहा.
![](/newspic/picid-1269750-20250211144627.jpg)
महाकुंभ में स्नान के लिए प्रयागराज जा रहे यात्रियों की भारी भीड़ के कारण रेलवे की व्यवस्था चरमरा गई है. वाराणसी, चंदौली, मधुबनी और नवादा के रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों ने ट्रेनों में तोड़फोड़ की. कई जगह लोग इंजन और लगेज वैन में बैठ गए. स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और हमसफर एक्सप्रेस की खिड़कियां तोड़कर यात्रियों ने प्रवेश किया.
![](/newspic/picid-1269750-20250211143131.jpg)
अरविंद केजरीवाल समेत कई AAP नेताओं की मुश्किलें अगले कुछ दिनों में बढ़ सकती हैं. सूत्रों के मुताबिक, ACB अगले कुछ दिनों में केजरीवाल, मुकेश अहलावत और संजय सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए दिल्ली पुलिस को लिखने वाली है. इन लोगों ने बीजेपी पर AAP के 16 उम्मीदवारों को 15-15 करोड़ रुपए का ऑफर देने का आरोप लगाया था. देखें वीडियो.