पंजाब में पिछली बार की तुलना में इस बार कम वोटिंग, जानें क्या है इसके मायने
ABP News
पंजाब में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के बीच है. अकाली दल 2020 में बीजेपी के साथ दो दशक पुराने संबंध तोड़ने के बाद बीएसपी के साथ आ गई.
पंजाब में रविवार को 117 सदस्यीय विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में बहुकोणीय मुकाबले में कुल मतदान लगभग 70 प्रतिशत रहा. मामूली झड़पों और ईवीएम में गड़बड़ी के बीच शाम 5 बजे तक पंजाब में 2.14 करोड़ से अधिक मतदाताओं में से 63 प्रतिशत मतदान हुआ. मालवा क्षेत्र में आने वाले कई जिलों में 65 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ. इस क्षेत्र में 117 में से 69 सीटें आती हैं. यहां दोआबा और माझा क्षेत्रों की तुलना में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत देखा गया. पंजाब में 1304 उम्मीदवारों के साथ बहुकोणीय मुकाबला है, जिसमें 93 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर शामिल हैं.
पंजाब में पिछली बार की तुलना में इस बार कम वोटिंगपंजाब में इस बार 2017 विधानसभा की तुलना में कम वोटिंग हुई है. 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत 77.4 फीसदी रहा था. जबकि 2002, 2007 और 2012 में मतदान प्रतिशत क्रमश: 65.14 फीसदी, 75.45 फीसदी और 78.20 फीसदी दर्ज किया गया था.