
पंजशीर के लड़ाकों का दावा, 'तालिबान का चेहरा ज़मीन पर रगड़ देंगे' - प्रेस रिव्यू
BBC
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल के क़रीब पंजशीर घाटी के लड़ाके क्यों कर रहे हैं ऐसा दावा. पढ़िए आज के अख़बारों की सुर्ख़ियां.
अफ़ग़ानिस्तान में पंजशीर के तालिबान विरोधी लड़ाकों के इरादे काफ़ी बुलंद हैं और उन्होंने तालिबान से लड़ने की कसम खाई है. अंग्रेज़ी दैनिक द टाइम्स आफ़ इंडिया ने अफ़ग़ानिस्तान के ख़ामा प्रेस के हवाले से यह ख़बर प्रकाशित की है. अख़बार के अनुसार, पंजशीर के लड़ाकों का कहना है कि वे तालिबान के चेहरे को जमीन पर रगड़ने को बेताब हैं. ख़बर के अनुसार, एक लड़ाके ने तालिबान पर पहले की जीत का हवाला देते हुए जब कहा कि वे अपने विरोधियों का चेहरा ज़मीन पर रगड़ देंगे तो उनके साथी सैनिकों ने हाथ उठाकर 'अल्लाह हो अकबर' का नारा बुलंद किया. ये सभी लड़ाके नेशनल रेज़िस्टेंस फ़्रंट (एनआरएफ़) के हैं, जो काबुल पर क़ब्ज़े के बाद तालिबान का विरोध करने वाला सबसे मज़बूत मोर्चा रह गया है. ख़बरों के अनुसार, देश की सेना के सरेंडर कर देने के बाद कई सैनिक इस संगठन में शामिल हो गए हैं. पंजशीर के लड़ाकों ने इस इलाके को हमेशा दूसरी ताक़तों के हाथों में जाने से रोके रखा है. काबुल से 90 मील उत्तर हिंदूकुश पर्वत में स्थित इस इलाके की ख़ासियत ये है कि इसके बीच में घाटी है जबकि चारों ओर यह पहाड़ियों से घिरा है. यही वज़ह है कि जब कोई दुश्मन इलाके में घुसने की कोशिश करता है तो पहाड़ों के ऊपर रखे मशीनगन उन्हें आसानी से निशाना बना लेते हैं.More Related News