न्यूजक्लिक के एडिटर इन चीफ बोले- "झूठे, निराधार आरोपों पर IT की छापेमारी"
The Quint
NewsClick Newslaundry IT Raid| न्यूज़क्लिक ने इनकम टैक्स के छापे और टैक्स चोरी के आरोपों को लेकर प्रतिक्रिया दी|Newsclick reacts to income tax raids and allegations of tax evasion
टैक्स चोरी के आरोप में इनकम टैक्स अधिकारियों ने शुक्रवार, 10 सितंबर को न्यूज वेबसाइट न्यूजक्लिक और न्यूजलॉन्ड्री के ऑफिस में छापे मारे. 12 घंटों तक IT अधिकारी ऑफिस में मौजूद थे और आरोपों की जांच कर रहे थे.अब वेबसाइट न्यूजक्लिक ने इनकम टैक्स के छापे और टैक्स चोरी के आरोपों को लेकर प्रतिक्रिया दी है. न्यूजक्लिक ने प्रतिक्रिया में कहा है,"यह पहली बार नहीं है जब न्यूजक्लिक को सरकारी एजेंसियों ने निशाना बनाया है. न्यूजक्लिक के ऑफिस के साथ-साथ एडिटर इन चीफ प्रबीर पुरकायस्थ और हमारे साथ जुड़े बाकी लोगों के घरों पर भी इस साल की शुरुआत में ED ने छापा मारा था."वेबसाइट ने कहा- सभी दस्तावेज कराए हैं मुहैयाआगे कहा गया कि, "न्यूजक्लिक ने ईडी (ED) और आर्थिक अपराध विंग की जांच में सहयोग किया है और समय-समय पर उनके द्वारा मांगे गए सभी डाक्यूमेंट्स को सौंप दिया है. इनकम टैक्स अधिकारियों ने जून में प्रबीर और प्रांजल से पूछताछ की, और फिर से न्यूजक्लिक ने जरूरी डॉक्यूमेंट्स दिए.पुरकायस्थ ने बयान में कहा, "कल की छापेमारी ईडी और आर्थिक अपराध विंग, दिल्ली पुलिस की जांच झूठे और निराधार आरोपों से संबंधित है. हमने इन आरोपों को अदालतों में चुनौती दी है." वेबसाइट ने आगे कहा कि, एजेंसियों की ये जांच, और ये चुनिंदा आरोप, न्यूजक्लिक के साथ-साथ मीडिया संगठनों की स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने की कोशिश है. अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत भारत का संविधान भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है.ADVERTISEMENTएक और न्यूज वेबसाइट, न्यूजलॉन्ड्री के ऑफिस पर भी कल अधिकारियों ने छापा मारा था. इस छापे के बाद न्यूजलॉन्ड्री के को-फाउंडर अभिनंदन सेखरी ने एनडीटीवी को बताया कि, उन्हें छापे के दौरान अपने वकील या अकाउंटेंट को फोन करने की भी इजाजत नहीं मिली.अभिनंदन सीकरी ने छापे के बाद अपने ट्विटर अकाउंट पर अपना एक आधिकारिक बयान जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि मुझे कहा गया है कि "मुझे बिना लीगल एडवाइस लिए, कानून मानना पड़ेगा."ADVERTISEMENTईडी ने लगाए आरोपईडी ने आरोप लगाया है कि न्यूजक्लिक और न्यूज लॉन्ड्री दोनों एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े हैं. ये वेबसाइटों को चलाने वाली रजिस्टर्ड कंपनियों से मिलने वाले संदिग्ध विदेशी फंडिंग से जुड़े हैं.(हैलो दो...More Related News