![नौकरशाही ने निष्क्रियता विकसित की है, हर बात अदालत के भरोसे छोड़ना चाहती है: सुप्रीम कोर्ट](http://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2021/08/supremecourtofindia-reuters.jpg)
नौकरशाही ने निष्क्रियता विकसित की है, हर बात अदालत के भरोसे छोड़ना चाहती है: सुप्रीम कोर्ट
The Wire
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि नौकरशाही में एक तरह की निष्क्रियता विकसित हो गई है कि वह कोई निर्णय लेना नहीं चाहती. किसी कार को कैसे रोकें, किसी वाहन को कैसे ज़ब्त करें, यह सब काम इस अदालत को करना है. यह रवैया अधिकारी वर्ग ने विकसित किया है.
न्यायालय ने कहा, ‘यह उदासीनता और सिर्फ उदासीनता है.’
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, ‘काफी समय से मैं यह महसूस कर रहा हूं कि नौकरशाही में एक तरह की निष्क्रियता विकसित हो गई है. वह कोई निर्णय लेना नहीं चाहती. किसी कार को कैसे रोकें, किसी वाहन को कैसे जब्त करें, आग पर कैसे काबू पाएं, यह सब कार्य इस अदालत को करना है. हर काम हमें ही करना होगा. यह रवैया अधिकारी वर्ग ने विकसित किया है.’
शीर्ष अदालत ने वायु प्रदूषण से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान नौकरशाही के रवैये पर यह टिप्पणी की. यह याचिका पर्यावरण कार्यकर्ता आदित्य दुबे और विधि के छात्र अमन बंका ने दायर की है.
इस याचिका में छोटे और सीमांत किसानों को मुफ्त में पराली हटाने की मशीन मुहैया करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था.