नोटबंदी के छह साल: विपक्षी दलों ने ‘आर्थिक नरसंहार’ कहा, कांग्रेस ने की श्वेत पत्र लाने की मांग
The Wire
नोटबंदी के छह साल पूरे होने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री के सूट-बूट वाले मित्रों का काला धन सफेद करने की एक चालाकी भरी स्कीम थी.
नई दिल्ली: विपक्षी दलों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार द्वारा 2016 में की गई नोटबंदी को आर्थिक नरसंहार, आपराधिक कृत्य और संगठित लूट करार दिया है. Remember, the hundreds of goalposts which Modi Govt was shifting to justify this act? Demonetisation was a deliberate move by ‘PayPM’ to ensure 2-3 of his billionaire friends monopolise India’s economy by finishing small & medium businesses. pic.twitter.com/PaTRKnSPCx 6 years ago, today. A gimmick that turned out to be an economic genocide #demonetisation The sixth anniversary of Modi and his govt’s hubris, killing off the Indian economy. Demonetisation has resulted in chaos apart from a record high of cash in circulation. ₹30.88 lakh crore!👇🏾The worst jumla of all – “This suffering is only for 50 days.” #Demonetisation pic.twitter.com/VDDvHxwIRW
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी. इस फैसले का मुख्य मकसद डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना और काले धन पर अंकुश लगाना तथा आतंकवाद के वित्तपोषण को खत्म करना था. … And then they came with a fresh one – "Cashless Economy" — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 8, 2022 Wrote about this in my book in 2017 #InsideParliament 👇@MamataOfficial called it first ‘withdraw this draconian decision’ minutes after announcement. Others agreed, but only weeks later pic.twitter.com/4j2ICluG9e — Sitaram Yechury (@SitaramYechury) November 8, 2022
कांग्रेस ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि नोटबंदी स्वतंत्र भारत में सबसे बड़ी संगठित लूट थी. Reality: Cash available in public is 72% higher than that in 2016. Surveys reveal 76% of people still prefer cash ! — Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) November 8, 2022
कांग्रेस ने नोटबंदी के छह साल पूरा होने के मौके पर मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार के इस कदम के बाद चलन में नकदी 72 प्रतिशत बढ़ गई और ऐसे में सरकार को इस पर ‘श्वेत पत्र’ लाना चाहिए. 5/ pic.twitter.com/C13Kd1ZEdQ