![नॉम चोमस्की, राजमोहन गांधी और कई वैश्विक संगठनों ने उमर ख़ालिद की रिहाई की मांग की](https://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2022/03/Umar-Khalid-Photo-Credit-The-Wire-e1648364606181.jpg)
नॉम चोमस्की, राजमोहन गांधी और कई वैश्विक संगठनों ने उमर ख़ालिद की रिहाई की मांग की
The Wire
दिल्ली दंगों के मामले में सितंबर 2020 से उमर ख़ालिद हिरासत में हैं, जिसकी निंदा करते हुए दार्शनिक नॉम चोमस्की ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि ख़ालिद के ख़िलाफ़ एकमात्र सबूत जो प्रस्तुत किया गया है वह यह है कि वे बोलने और विरोध जताने के अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग कर रहे थे, जो एक स्वतंत्र समाज में नागरिकों का मौलिक अधिकार है.
नई दिल्ली: चार अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ-साथ नॉम चोमस्की और महात्मा गांधी के पोते राजमोहन गांधी जैसे प्रसिद्ध विद्वानों ने जेएनयू के पूर्व छात्र और कार्यकर्ता उमर खालिद के लंबे खिंचते कारावास की निंदा की है.
हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स, इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल, दलित सॉलिडेरिटी फोरम और इंडिया सिविल वॉच इंटरनेशनल ने खालिद की तत्काल रिहाई की मांग की है, जिन्हें 14 सितंबर 2020 को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस का दावा है कि उनका संबंध 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के सांप्रदायिक दंगों से है.
पुलिस ने 2019 के अंत और 2020 की शुरुआत में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ खालिद के नेतृत्व में हुए प्रदर्शनों को हिंसा से जोड़ने का प्रयास किया है.
जमानती आदेश को तीन बार टाले जाने के बाद खालिद को 23 मार्च को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया था. उन्होंने फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की है.