नैनीताल: शेरवुड कॉलेज के छात्र की मौत मामले में प्रिंसिपल समेत 2 कर्मचारियों को सजा
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शेरवुड कॉलेज के छात्र शान प्रजापति की 2014 में तबीयत खराब हो गई थी. कॉलेज प्रबंधन ने लापरवाही बरतते हुए कॉलेज के ही डॉक्टर से फोन पर पूछकर दवा दी थी. बाद में तबीयत बिगड़ने पर दिल्ली ले जाते समय रास्ते में छात्र की मौत हो गई.
उत्तराखंड में नैनीताल के प्रतिष्ठित शेरवुड कॉलेज के प्रिंसिपल अमनदीप संधू समेत दो अन्य कर्मचारियों को नैनीताल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अदालत ने छात्र शान प्रजापति की मौत के मामले में प्रिंसिपल समेत दो अन्य लोगों को दो-दो साल की सजा सुनाई है. साथ ही सभी पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना लगा है. फिलहाल, अंतरिम जमानत मंजूर होने के बाद तीनों को रिहा कर दिया गया.
दरअसल, 2014 में नेपाल मूल के छात्र शान प्रजापति की कॉलेज में तबीयत खराब हो गई थी. स्कूल प्रबंधन की ओर से छात्र का कॉलेज इनफॉर्मरी में इलाज किया गया. तबीयत बिगड़ने के बाद छात्र को इलाज के लिए हल्द्वानी के अस्पताल में भेजा गया. जहां से डॉक्टरों ने छात्र की गंभीर हालत को देखते हुए दिल्ली हायर सेंटर रेफर कर दिया. दिल्ली जाते समय रास्ते में छात्र की मौत हो गई. छात्र की मौत से गमगीन परिजनों ने नैनीताल के तल्लीताल थाने में मुकदमा दर्ज कराया था.
नैनीताल एडीएम ने मामले की जांच की. जांच में स्कूल के प्रधानाचार्य अमनदीप संधू, वार्डन रवि कुमार व पायल पॉल को दोषी पाया गया. इसी रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने प्रिंसिपल समेत दोनों कर्मचारियों को दोषी मानते हुए दो-दो साल की सजा सुनाई. सभी आरोपियों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. इस बीच प्रिंसिपल समेत अन्य ने अंतरिम जमानत याचिका दायर की गई. कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए तीनों को एक माह के लिए अग्रिम जमानत दे दी.
याचिकार्ता के वकील हरीश पांडे ने बताया कि शान प्रजापति की 2014 में तबीयत खराब हो गई थी. कॉलेज के डॉक्टर से फोन पर पूछकर दवाई दी गई, जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई. उसके बाद उसे हल्द्वानी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने छात्र की गंभीर हालत को देखते हुए दिल्ली हायर सेंटर रेफर कर दिया. रास्ते में लापरवाही की वजह से मौत हो गई. पुलिस जांच के बाद कोर्ट ने प्रिंसिपल की लापरवाही मानते हुए सजा सुनाई.
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