नेतृत्व पर रार या कुछ और... विपक्ष को UPA की जगह 'INDIA' बनाने की जरूरत क्यों पड़ी?
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विपक्ष के नए गठबंधन 'I.N.D.I.A.' में शामिल अधिकतर पार्टियां ऐसी हैं जो या तो यूपीए की सरकार में शामिल रही हैं या फिर सरकार का बाहर से समर्थन किया है. ऐसे में विपक्ष को यूपीए की जगह गठबंधन को नया नाम देने की जरूरत क्यों पड़ी?
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक के बाद गठबंधन के नए नाम का ऐलान हुआ. 26 विपक्षी दलों के नेता इस बैठक में शामिल हुए और नए गठबंधन का नाम इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस यानी 'I.N.D.I.A.' रखने पर सहमति बनी. बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नए नाम का ऐलान किया.
इस नए गठबंधन के उदय के साथ ही 2004 में बने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. नए गठबंधन में शामिल दलों की लिस्ट पर नजर डालें तो ज्यादातर ऐसे दलों के नाम हैं जो या तो यूपीए-1, यूपीए-2 की सरकार में शामिल रहे थे या फिर बाहर से समर्थन किया था. ऐसे में सवाल ये है कि जब 2004 में स्थापित गठबंधन यूपीए था ही तब विपक्ष को नया गठबंधन क्यों बनाना पड़ा?
2004 में मजबूत थी कांग्रेस, 2024 में कमजोर
यूपीए का गठन साल 2004 चुनाव के बाद हुआ था. तब कांग्रेस मजबूत स्थिति में थी. 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 26.5 फीसदी वोट शेयर के साथ 145 सीटें मिली थीं और प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 22.2 फीसदी वोट शेयर के साथ 138 सीटें. वोट शेयर के नजरिए से देखें तो कांग्रेस को बीजेपी की तुलना में 4.3 फीसदी अधिक वोट मिले थे. सीटों के लिहाज से भी कांग्रेस, बीजेपी से सात सीटें अधिक जीतने में सफल रही थी. कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. कांग्रेस ने 12 पार्टियों के साथ मिलकर यूपीए का गठन किया और डॉक्टर मनमोहन सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाई.
कांग्रेस साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और मजबूत होकर उभरी. पार्टी ने 28.6 फीसदी वोट शेयर के साथ 206 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की. कांग्रेस मजबूत हुई लेकिन यूपीए का कुनबा घटा. कई पुराने घटक दल यूपीए से अलग हो गए थे तो वहीं कुछ नए घटक दल शामिल भी हुए. तृणमूल कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसे दल भी यूपीए के साथ आ गए और आरजेडी, असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम, सपा, बसपा जैसी कई पार्टियों ने सरकार को बिना शर्त बाहर से समर्थन दिया था.
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