
नेतन्याहू खुद हमास को जिंदा रखना चाहते हैं? इतने संयोग कैसे संभव?
The Quint
israel gaza conflict: नेतन्याहू खुद हमास को जिंदा रखना चाहते हैं? इतने संयोग कैसे संभव? गाजा में युद्ध से बेंजामिन नेतन्याहू की कुर्सी बच गई. हमास को भी सियासी फायदा. israel gaza conflict has saved netanyahu and proving beneficial for hamas
10 मई, इजरायली संसद सदस्य यैर लैपिड और नफ्ताली बेनेट राष्ट्रपति से मिलकर बताने वाले थे कि वो नई सरकार बनाने में सक्षम हैं. पीएम बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) की छुट्टी होने वाली थी. फिर शाम 6 बजे गाजा से रॉकेट अटैक (Gaza Conflict) शुरू हुआ और बाकी सब इतिहास है. एक बार फिर संकट और उथल-पुथल ने नेतन्याहू की गद्दी बचा ली.गाजा विवाद में नुकसान सिर्फ लोगों का ही हो रहा है क्योंकि हमास को भी इसका राजनीतिक फायदा मिलने की पूरी संभावना है. फिलिस्तीन में चुनाव होने वाले थे, जिसे राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने स्थगित कर दिया. लेकिन हमास के लिए ये विवाद अपनी स्थिति और मजबूत करने का मौका बनकर आया है. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कम से कम 212 फिलिस्तीनी अभी तक मारे जा चुके हैं. इसमें 61 बच्चे और 36 महिलाएं शामिल हैं. इजरायल में मरने वालों की संख्या 1 बच्चे को मिलाकर 10 हो चुकी है.हिंसक विवाद के अंत का अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है. पहले के विवादों और युद्ध की तरह ही बिना किसी तर्कसंगत समझौते के सीजफायर होने के पूरे आसार हैं. फिर अगले विवाद तक यथास्थिति बनी रहेगी. तो फिर नेतन्याहू सरकार और हमास इसे तूल क्यों दे रहे हैं?नेतन्याहू को मिला राजनीतिक जीवनदान!बेंजामिन या बीबी नेतन्याहू 2021 में हुए संसदीय चुनावों में जीत दर्ज करने में नाकाम रहे थे. उनकी दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी को सबसे ज्यादा वोट तो मिले थे, लेकिन वो अकेले सरकार नहीं बना सकते थे. नेतन्याहू को गठबंधन की जरूरत थी.नेतन्याहू ने नफ्ताली बेनेट की यामीना पार्टी के साथ सरकार बनानी चाही, लेकिन बेनेट ने दक्षिणपंथी सरकार का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया. फिर राष्ट्रपति ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी येश अतिद के यैर लैपिड को मौका दिया. लैपिड के पास 2 जून तक का समय था. अरब पार्टी राम के मंसूर अब्बास भी लैपिड के साथ बातचीत कर रहे थे. बेनेट भी साथ आ गए थे. 10 मई को बेनेट और लैपिड नेतन्याहू को हटाने की प्रक्रिया शुरू करते, उससे पहले ही गाजा विवाद शुरू हो गया.बीबी नेतन्याहू सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद संभालने वाले नेता बन गए हैं. जहां नेतन्याहू को गाजा विवाद से राजनीतिक राहत मिली है, उनके विरोधियों के लिए मुश्किल बढ़ गई है. मंसूर अब्बास को हमास का करीबी माना जाता है. इजरायल के साथ हमास के विवाद के बीच अ...More Related News