नीतीश कुमार ने की जाति आधारित जनगणना की मांग, कहा- एक बार होनी जरूरी
The Quint
Nitish kumar caste census, नितीश कुमार ने कहा कि एक बार जातीय अधार पर केंद्र सरकार को जनगणना कराने के पक्ष में पुनर्विचार करना चाहिए.Nitish Kumar said that once the central government should reconsider in favor of conducting a caste census
जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census) को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर केंद्र सरकार से पुनर्विचार करने की मांग की है. सीएम नीतीश कुमार ने 24 जुलाई को कहा कि जाति आधारित जनगणना से लोगों के विकास और कल्याण में मदद मिलेगी.कम से कम एक बार हो जाति आधारित जनगणनानीतीश कुमार ने कहा कि हमने बिहार विधान मंडल में 18 फरवरी 2019 को और बिहार विधानसभा में 27 फरवरी 2020 को सर्वसम्मित से जातीय जनगणना का प्रस्ताव पास किया था. उस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजा गया था, हमारी मांग है कि कम से कम एक बार जातीय अधार पर केंद्र सरकार को जनगणना कराने के पक्ष में पुनर्विचार करना चाहिए."जातीय आधार की जनगणना से हमें सही संख्या का पता चल पाएगा और सरकार सही दिशा में काम कर पाएगी. जिससे ज्यादा लोग योजनाओं का लाभ लेने में सफल हो पाएंगे."नितीश कुमारइसी साल 17 फरवरी को नीतीश कुमार ने जाति आधारित जनगणना को लेकर मांग उठाई थी. उनका कहना है कि, "मैं जाति आधारित जनगणना को लेकर लंबे वक्त से मांग कर रहा हूं, यहां तक कि हमने बिहार विधानसभा और राज्य विधान परिषद से इसे मंजूरी मिलने के बाद केई बार केंन्द्र को प्रस्ताव भेजा है."ADVERTISEMENTजाति पर आधारित जनगणना पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जबाब में यह कहा गया है कि जाति के वर्गीकरण से जुड़ी तमाम सूचना समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को प्रदान की गई है. ग्रामीण विकास मंत्रालय और तत्कालीन आवास और शहरी उन्मूलन मंत्रालय द्वारा समाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना 2011 को ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में आयोजित की गई थी. जिसमें जाति को छोड़कर रिपोर्ट को MoRD और HUPA द्वारा प्रकाशित किया गया था.2011 में हुई समाजिक-आर्थिक आधार पर हुई जनगणना को पूर्ण रूप देने में महापंजीयक कार्यालय ने सहायता प्रदान की थी. (हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)ADVERTISEMENT...More Related News