
नीतीश कुमार ने 'ऑपरेशन चिराग' को कैसे दिया अंजाम?
NDTV India
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिराग से हिसाब-किताब बराबर करने का फ़ैसला किया था. इसलिए पहले उनके दल के एकमात्र विधायक को अपने पार्टी में शामिल कराया और विधान परिषद में अब मंत्री नीरज बबलू की पत्नी भाजपा में शामिल हुईं, लेकिन संसदीय दल में सेंध लगाने का ज़िम्मा नीतीश ने अपने सबसे विश्वसनीय सलाहकार और लोकसभा में संसदीय दल के नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को सौंपा.
लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संसदीय दल में टूट हो गयी है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) को अलग-थलग करते हुए उनके चाचा पशुपति पारस के नेतृत्व में पांच सांसदों- जिसमें बिहार इकाई के अध्यक्ष प्रिन्स राज भी शामिल हैं- ने अलग होने की अर्ज़ी लोकसभा अध्यक्ष के सामने दी है. माना जा रहा है कि इस विभाजन को अंजाम देकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिराग पासवान से पिछले विधानसभा चुनाव में अपने उस अपमानजनक परिणाम का बदला लिया है जब उनके नेतृत्व में लड़ने के बाद उनकी पार्टी जेडीयू तीसरे नम्बर की पार्टी रही और राष्ट्रीय जनता दल एक और भाजपा विधायकों की संख्या के मामले में दूसरी नम्बर की पार्टी बनी.More Related News