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निर्धन, पिछड़े वर्गों और औरतों के लिए विनाशकारी है नया जनसंख्या क़ानून
The Wire
यह तथ्य है कि योगी आदित्यनाथ सरकार हमेशा अपने मक़सद को पाने के लिए बेहतर और बिना ज़ोर-ज़बरदस्ती वाले तरीकों की बजाय धमकाने या डर दिखाने वाले उपायों को तरजीह देती है. इसका ताज़ा नमूना हाल में में लाया गया जनसंख्या नियंत्रण विधेयक है.
योगी आदित्यनाथ को संघ परिवार और इसके समर्थकों के अलावा कई भाजपा मुख्यमंत्री भी एक नई राह दिखाने वाले नेता और कानून निर्माता के तौर पर स्वीकार करते हैं. अपनी इसी छवि को विस्तार देते हुए योगी आदित्यनाथ राज्य में जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक दमनकारी विधेयक का मसौदा लेकर आए हैं. अगर दूसरे भी इसे अनुकरणीय मानकर स्वीकार कर लें, तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण होगा. उत्तर प्रदेश विधि आयोग (लॉ कमीशन) द्वारा 7 जुलाई को सार्वजनिक किया गया विधेयक का मसौदा काफी खराब तरीके से लिखा गया और कई धमकियों और प्रलोभनों से भरा हुआ है, जो राज्य में जन्म दर को कम करने में तो शायद ही कोई मदद करेंगे, लेकिन निश्चित तौर पर गरीब परिवारों को काफी नुकसान पहुंचाएंगे. यह विशेषकर सभी समुदायों और वर्गो की औरतों को सबसे ज्यादा नकारात्मक तौर पर प्रभावित करेंगे और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित करके उनके स्वास्थ्य को जोखिम में डालने के साथ-साथ उनके सामाजिक अपमान और उनके खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देंगे. सरकार कानून के प्रारूप और इसके दस्तावेज के साथ एक जनसंख्या नीति 2021-30 भी लेकर आई है, जिसका लक्ष्य अगले एक दशक में राज्य की जन्म दर को घटाकर 2.8 से 2.1 पर लाना है.More Related News