
नियति से साक्षात्कार: प्रधानमंत्री नेहरू का 15 अगस्त का वो पहला भाषण जिसमें दिखी थी नए भारत की झलक
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आज़ाद भारत के पहले प्रधानमंत्री का प्रथम संबोधन और उसके बाद शुरू हुआ सिलसिला जो आज तक चल रहा है. समय बदला, प्रधानमंत्री के चेहरे बदले, कुछ नहीं बदला तो वो थी लाल क़िले की प्राचीर- एक विशेष सीरीज़
चिर प्रणम्य यह पुष्य अहन, जय गाओ सुरगण, आज अवतरित हुई चेतना भू पर नूतन !More Related News