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'निजी लाभ से प्रेरित तत्व न्यायिक प्रणाली में जनता का विश्वास खत्म कर रहे', सुप्रीम कोर्ट और HC के 17 पूर्व जजों ने CJI चंद्रचूड़ को लिखी चिट्ठी
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हाईकोर्ट के 21 पूर्व जजों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को एक चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में न्यायपालिका पर बढ़ते दबाव का जिक्र किया गया है. चिट्ठी में न्यायपालिका पर अनुचित दबाव का भी हवाला दिया गया है.
हाईकोर्ट के 21 पूर्व जजों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को एक चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में न्यायपालिका पर बढ़ते दबाव का जिक्र किया गया है. चिट्ठी में न्यायपालिका पर अनुचित दबाव का भी हवाला दिया गया है.
पूर्व जजों ने कहा है कि न्यायपालिका को अनुचित दबावों से बचाए जाने की जरूरत है. चिट्ठी ने कहा गया है कि राजनीतिक हितों और निजी लाभ से प्रेरित कुछ तत्व हमारी न्यायिक प्रणाली में जनता के विश्वास को खत्म कर रहे हैं. इनके तरीके काफी भ्रामक हैं, जो हमारी अदालतों और जजों की सत्यनिष्ठा पर आरोप लगाकर न्यायिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करने का स्पष्ट प्रयास हैं. इस तरह की गतिविधियों से न सिर्फ न्यायपालिका की शुचिता का असम्मान होता है बल्कि जजों की निष्पक्षता के सिद्धांतों के सामने चुनौती भी है. इन समूहों द्वारा अपनाई जा रही स्ट्रैटेजी काफी परेशान करने वाली भी है, जो न्यायपालिका की छवि धूमिल करने के लिए आधारहीन थ्योरी गढ़ती है और अदालती फैसलों को प्रभावित करने के भी प्रयास करती है.
चिट्ठी में कहा गया कि हमने गौर किया है कि ग्रुप का इस तरह का व्यवहार खासतौर से ऐसे मामलों में नजर आता है, जिनका सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक महत्व हो. हम दुष्प्रचार फैलाने के हथकंड़ों और न्यायपालिका के खिलाफ जनभावनाएं भडडकाने को लेकर चिंतित हैं, जो न सिर्फ अनैतिक है बल्कि हमारे लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों के लिए भी खतरनाक है.
इस चिट्ठी पर कुल 21 पूर्व जजों ने हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें सुप्रीम कोर्ट के चार पूर्व जज और हाईकोर्ट के 17 पूर्व जज शामिल हैं.
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