नासिक ऑक्सीजन हादसे पर कोर्ट ने कहा, सभ्य समाज में ऐसा कैसे हो सकता है
The Wire
बीते 21 अप्रैल को नासिक में एक सरकारी कोविड-19 अस्पताल में भंडारण संयंत्र से ऑक्सीजन के रिसाव के बाद इस गैस की आपूर्ति बाधित होने से 22 कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री ने इस घटना की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए थे.
मुंबई: बीते दिनों नासिक के एक अस्पताल में एक टैंक से रिसाव के बाद ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाने से 22 कोविड मरीजों की मौत की घटना पर को लेकर दायर एक जनहित याचिका सुनते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता से इसे चिंता का विषय बताया. लाइव लॉ के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘एक सभ्य समाज में ऐसा कैसे हो सकता है’? उल्लेखनीय है कि 21 अप्रैल को नासिक में कोविड-19 रोगियों के एक सरकारी अस्पताल में भंडारण संयंत्र से ऑक्सीजन के रिसाव के बाद इस गैस की आपूर्ति बाधित होने से 22 कोविड-19 मरीजों की मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री ने इस घटना की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए थे. जनहित याचिका की सुनवाई पूरी होने के बाद पीठ ने महाधिवक्ता (एजी) आशुतोष कुंभकोनी ने राज्य के मुख्य सचिव को नासिक नगर निगम द्वारा भेजी गई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पढ़कर सुनाई.More Related News