नागपुर के ऑक्सीजन टैंकर को दूसरे राज्य ले जा रहे थे ड्राइवर, पुलिस ने फिल्मी स्टाइल में दबोचा
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भिलाई से नागपुर के लिए चार ऑक्सीजन सिलेंडर आने थे, लेकिन ट्रक चालकों द्वारा उन्हें गुपचुप तरीके से दूसरे राज्यों में पहुंचाने की कोशिश की जा रही थी. इसी बीच वे पकड़ लिए गए हैं. इनमें से दो टैंकर देवरी बॉर्डर पर और दो को जालना औरंगाबाद हाईवे पर पकड़ा गया.
देशभर में कोरोना संक्रमण बढ़ने की वजह से ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ गई है, कई राज्यों में तो बड़े स्तर पर कालाबाजारी की जा रही है, ऐसा ही एक मामला आया नागपुर और भिलाई से. भिलाई से नागपुर के लिए चार ऑक्सीजन सिलेंडर आने थे, लेकिन ट्रक चालकों द्वारा उन्हें गुपचुप तरीके से दूसरे राज्यों में पहुंचाने की कोशिश की जा रही थी. इसी बीच वे पकड़ लिए गए हैं. इनमें से दो टैंकर देवरी बॉर्डर पर और दो को जालना औरंगाबाद हाईवे पर पकड़ा गया. नागपुर विदर्भ के जिलों में ऑक्सीजन की कमी न हो इसलिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को मैदान में उतरना पड़ा है. जिला प्रशासन के साथ ऑक्सीजन सप्लाई के समन्वय का जिम्मा गडकरी ने समाजसेवी प्यारे खान को दिया था. प्यारे खान वे शख्स हैं जिन्होंने खुद नागपुर में ऑक्सीजन के लिए अब तक 1 करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च कर दिए हैं.सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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