नवाज़ शरीफ़ और बिलावल भुट्टो के बीच लंदन में हुई मुलाक़ात में क्या बात हुई?
BBC
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भु्ट्टो के शहबाज़ शरीफ़ कैबिनेट में शामिल ना होने के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. नवाज़ शरीफ़ के साथ उनकी मुलाक़ात को काफ़ी अहम माना जा रहा है.
मुस्लिम लीग (नवाज़) के नेता मियां नवाज़ शरीफ़ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ज़रदारी के बीच गुरुवार को लंदन में हुई बैठक को पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि दोनों पार्टियां जिन्हें कभी प्रतिद्वंद्वी माना जाता था, अब गठबंधन करके सरकार बना चुकी हैं.
इस बैठक में क्या फ़ैसला हुआ उसके बारे में कुछ नेताओं ने बीबीसी को बताया कि दोनों पार्टियों के बीच पदों के बंटवारे को लेकर कोई बात नहीं हुई.
स्थानीय मीडिया में ऐसी ख़बरें सामने आई थीं कि इस मुलाक़ात में दोनों नेताओं के बीच देश के नए राष्ट्रपति, सीनेट के अध्यक्ष और पंजाब के गवर्नर जैसे पदों पर बातचीत होगी.
हालांकि, दोनों पार्टियों के नेताओं ने बताया कि इस मुलाक़ात का उद्देश्य दोनों पार्टियों के बीच दीर्घकालिक संबंधों को मज़बूत करना और संवैधानिक और क़ानूनी मुद्दों पर क़ानून निर्माण पर सहमत होना था जो "चार्टर ऑफ़ डेमोक्रेसी" में रह गए थे.
यह नवाज़ शरीफ़ और उनकी टीम के साथ बिलावल भुट्टो ज़रदारी के नेतृत्व वाली पीपीपी टीम की लंबी बैठक थी. इस मुलाक़ात के बाद मीडिया से बात करते हुए मियां नवाज़ शरीफ़ और बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने कई बार 'चार्टर ऑफ़ डेमोक्रेसी' का हवाला दिया और कहा कि वे इस इतिहास को एक बार फिर दोहराना चाहते हैं.