नरेंद्र मोदी के यूरोप दौरे को विश्लेषक कैसे देख रहे हैं?
BBC
नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर की संयुक्त प्रेस कॉन्फ़्रेंस में सवाल नहीं पूछने की अनुमति को लेकर विवाद हुआ. कहा जा रहा है कि भारत के अनुरोध पर ऐसा किया गया था. पीएम मोदी के यूरोप दौरे को विश्लेषक कैसे देख रहे हैं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय यूरोप दौरे के बाद देश लौट आए हैं. भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री के इस दौरे से यूरोप के साथ सहयोग की भावना मज़बूत हुई है.
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट करते हुए बताया, "प्रधानमंत्री का तीन दिवसीय यूरोप दौरा बेहद लाभकारी रहा है. व्यापार और निवेश संबंध आगे बढ़े हैं, नए हरित समझौते हुए हैं, कौशल विकास के लिए सहयोग को बढ़ावा मिला है. हमने यूरोपीय सहयोगियों के साथ सहयोग की भावना को बढ़ाया है."
साल 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये पहला विदेशी दौरा था. इस तीन दिवसीय दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले जर्मनी पहुँचे, फिर डेनमार्क के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद उन्होंने कोपेनहेगन में इंडिया नोर्डिक समिट में नोर्डिक देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ हिस्सा लिया. लौटते हुए मोदी पेरिस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मिलते हुए आए.
विश्लेषक इस दौरे को विदेश नीति की नज़र से कामयाब मान रहे हैं. वहीं आलोचकों का कहना है कि इससे वैश्विक स्तर पर भारत की छवि पर कोई असर नहीं होगा.