'द कश्मीर फाइल्स अश्लील फिल्म और प्रचार', गोवा में बोले IFFI जूरी हेड
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इजरायली फिल्म निर्माता नदव लापिड (Nadav Lapid) और इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) 2022 के जूरी प्रमुख ने फिल्म कश्मीर फाइल्स को लेकर कड़ी टिप्पणी की है. नदव ने विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को एक प्रोपगैंडा और अश्लील फिल्म करार दिया है.
इजरायली फिल्म निर्माता नदव लैपिड (Nadav Lapid) और इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) 2022 के जूरी प्रमुख ने फिल्म कश्मीर फाइल्स को लेकर कड़ी टिप्पणी की है. नदव ने विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को एक प्रोपगैंडा और अश्लील फिल्म करार दिया है. इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि मैं इस तरह के प्रतिष्ठित फिल्म समारोह में ऐसी फिल्म को देखकर हैरान हूं.
नदव ने कहा कि हम सभी परेशान हैं. यह हमें एक 'प्रचार, अश्लील फिल्म' की तरह लगी. जो कि इस तरह की प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के कलात्मक और प्रतिस्पर्धी वर्ग के लिए किसी तरह से भी ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं इन भावनाओं को मंच पर खुले तौर पर साझा करने में पूरी तरह से सहज महसूस करता हूं.
नदव लैपिड ने गोवा के पणजी में चल रहे कार्यक्रम में कहा कि ये एक महत्वपूर्ण चर्चा है, जो कि बिना झिझक के करना चाहिए. इसके साथ ही ये कला और जीवन के लिए जरूरी है.
नदव लैपिड की इस टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वहीं, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय के एक संवेदनशील मुद्दे को प्रचार की वेदी पर बलिदान कर दिया गया.
हालांकि मिडवेस्ट इंडिया के इज़राइल के कॉन्सुलेट जनरल (Consulate General) कोब्बी शोशानी ने कहा कि लैपिड की तुलना में उनकी राय अलग है. उन्होंने ट्वीट किया कि मैंने कश्मीर फाइल्स देखी और कलाकारों से मुलाकात की. मेरी राय नदव लैपिड से अलग है. इतना ही नहीं, उनके भाषण के बाद मैंने नदव को अपनी राय बताई थी.
दरअसल, फिल्म द कश्मीर फाइल्स में कश्मीरी पंडितों के दर्द, पीड़ा, संघर्ष और आघात की दिल दहला देने वाली कहानी बताई गई है. साथ ही धर्म, राजनीति और मानवता को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं.
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