
दो दशक में पहली बार दुनियाभर में बाल श्रमिकों की संख्या बढ़ी, कोविड के चलते बढ़ेगा जोखिम: रिपोर्ट
The Wire
आईएलओ और यूनिसेफ की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, विश्वभर में बाल मज़दूरों की संख्या 16 करोड़ हो गई है. यह चेतावनी भी दी गई है कि कोविड-19 महामारी के परिणामस्वरूप 2022 के अंत तक वैश्विक स्तर पर 90 लाख और बच्चों को बाल श्रम में धकेल दिए जाने का ख़तरा है.
नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) और यूनिसेफ की एक नई रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में बाल मजदूरी में लगे बच्चों की संख्या बढ़कर 16 करोड़ हो गई है जो दो दशक में पहली बार बढ़ी है और कोविड-19 की वजह से अभी लाखों और बच्चे बाल मजदूरी के जोखिम में हैं. The ILO & @UNICEF have released a joint New Global Estimates of Child Labour report feat. latest trends on numbers of children in child labour globally & includes estimates of those at additional risk due to the #COVID19 pandemic. रिपोर्ट ‘चाइल्ड लेबर: ग्लोबल एस्टीमेट्स 2020, ट्रेंड्स एंड रोड फॉरवर्ड’ विश्व बाल श्रम निषेध दिवस (12 जून) से दो दिन पहले जारी की गई. इसमें कहा गया है कि बाल मजदूरी को रोकने की दिशा में प्रगति 20 साल में पहली बार अवरुद्ध हुई है. 👉https://t.co/T58nqMMk16#EndChildLabour2021 pic.twitter.com/kKlIx4uD4d रिपोर्ट में कहा है कि 2000 से 2016 के बीच बाल श्रम में बच्चों की संख्या 9.4 करोड़ दर्ज की गई थी, लेकिन अब गिरावट का यह रूझान पलट गया है. — International Labour Organization (@ilo) June 10, 2021More Related News