दोबारा एग्जाम कराने से धुल जाएंगे NTA पर लगे दाग? जानें- NEET विवाद में क्यों हो रही CBI जांच की मांग
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सुबोध कुमार सिंह, (डीजी, NTA) का कहना है कि, 1563 बच्चों को ग्रेस मार्क दिया गया है. कई बच्चों के निगेटिव मार्क ही रहे. कुछ बच्चे टॉपर साइड आ गए. 790 बच्चे क्वालीफाइ किए हैं. 55.54 फीसदी क्वालिफाइ किए हैं. कहने का मतलब है कि ओवरऑल क्वालिफाइ क्राइटेरियामें फर्क नहीं पड़ा है.
देश के शिक्षा मंत्रालय के बाहर लिखा है. सा विद्या या विमुक्तये. अर्थ, मुक्ति का मार्ग दिखाने वाली विद्या. देश में परीक्षा कराने वाली सबसे बड़ी एजेंसी NTA के दो चेहरों ने इस प्राचीन वैदिक सूक्ति का अर्थ ही बदल कर रख दिया है. इनके नाम हैं NTA के चेयरपर्सन प्रदीप कुमार जोशी और सुबोध कुमार सिंह, डायरेक्टर जनरल एनटीए. इन दोनों की अगुवाई वाली परीक्षा एजेंसी NTA देश में मेडिकल छात्रों के दाखिले से जुड़ी परीक्षा NEET कराने की तारीख से आरोपों के कटघरे में है.
NTA पर क्या -क्या हैं आरोप? आरोप है पेपर लीक का, पेपर लीक के दावों पर ध्यान न देने का, परीक्षा ढंग से न कराने का और मनमानी, चोरी-छिपे फैसले लेने का आरोप. इससे भी बड़ा आरोप है तरीके से ग्रेस मार्क बांटने का और चोरी पकड़े जाने के बाद ग्रेस नंबर पर गलती मानने का आरोप भी इस एजेंसी पर है. इन्हीं आरोपों की वजह से आपको पहले देश की तीन मां के बयान याद कराते हैं. ये वो मां हैं, जिनके बच्चों ने जी-जान लगाकर NEET का इम्तिहान दिया लेकिन इन मां की तरह हजारों मां को लगता है कि धांधली हुई है. धांधली ग्रेस मार्क देने में हुई है.
रिजल्ट आया, नंबर अच्छे फिर भी मायूसी NTA को लग रहा है कि सिर्फ बच्चे एग्जाम दे रहे हैं, नहीं. इस एग्जाम में उनके मम्मी-पापा, भाई-बहन सारे एक साथ लगे होते हैं. इंतजार होता है कि रिजल्ट आएगा और हमारा एडमिशन होगा. जब रिजल्ट अच्छा आए और फिर भी अच्छा एडमिशन नहीं मिले तो हम कहां जाएं, किससे मांगें. एक नीट अभ्यर्थी की मां उषा ने कहा कि, हम तो यही बोल रहे थे हम डॉक्टर की मम्मी बनेंगे. ये कहते हुए उनकी आवाज में उनके दुख को महसूस किया जा सकता है.
अभी तक ग्रेस मार्क के फैसले को सही क्यों बता रहा था NTA? इन्हीं मांओं के बच्चे देश में जंतर मंतर से लेकर अलग अलग शहरों तक में प्रदर्शन करके मांग करते रहे कि नीट के नतीजे में धांधली के आरोप का सच सामने आए. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. जहां अब तक 8 जून से लगातार ग्रेस नंबर देने का फैसला सही बताते आए NTA ने अचानक यू टर्न लेकर अपनी पहली गलती मान ली. जो NTA कहता था कि सिर्फ 6 सेंटर पर पेपर गलत बंटा, पेपर गलत बंटने से बच्चे समय से पूरा नहीं कर पाए. सुप्रीम कोर्ट के दिए फॉर्मूले के आधार पर केवल 1563 बच्चों को ग्रेस नंबर बांटा.
अब ग्रेस मार्क के फैसले पर पलट गई परीक्षा एजेंसी वही NTA अब कहने लगा कि लगता है ग्रेस नंबर बांटने से शंका बढ़ी है. इसलिए ग्रेस नंबर पाने वाले 1563 बच्चों के पास दो विकल्प है. या तो ग्रेस नंबर पाने वाले 1563 बच्चे 23 जून को दोबारा इम्तिहान दें, या फिर बिना ग्रेस नंबर के इन 1563 बच्चों का स्कोर कार्ड जारी होगा. अब सवाल है कि क्या बच्चों को इतने भर से न्याय मिल गया? क्या NTA पर लगे आरोपों के दाग 1563 बच्चों के दोबारा इम्तिहान से धुल जाएंगे ? क्या नीट परीक्षा की पवित्रता पर उठा प्रश्न खत्म हो जाएगा?
क्या बोले केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान? केंद्रीय शिक्षा मंत्री, धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, कोर्ट ने उस कमेटी के सुझाव को देखकर 1563 बहच्चों को री एग्जाम का अवसर दिया जाए. 23 जून को 1563 छात्रों को दोबारा नीट एग्जाम का ऑप्शन दिया जाए. वर्ना ओरिजिनल परीक्षा का जो नंबर है, उसे भी ले सकते हैं, या एक और चांस लेना है तो 23 जून को परीक्षा दे सकते हैं.
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