
देश में 2015 से जेलों में बंद भारतीय विचाराधीन क़ैदियों की संख्या में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि
The Wire
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की वार्षिक ‘जेल सांख्यिकी भारत 2020’ रिपोर्ट के अनुसार, 2020 के अंत तक देश में भारतीय क़ैदियों की संख्या 4.83 लाख थी. राज्यों में सबसे ज्यादा 1.06 लाख क़ैदी उत्तर प्रदेश की जेलों में थे. दूसरे नंबर पर बिहार में 51,849 और तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश में 45,456 क़ैदी बंद थे.
नई दिल्ली: देश में 2015 से जेलों में बंद भारतीय विचाराधीन कैदियों की संख्या में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जबकि दोषियों की संख्या में 15 प्रतिशत की कमी आई है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की वार्षिक ‘जेल सांख्यिकी भारत 2020’ रिपोर्ट के अनुसार, 2020 के अंत तक देश में भारतीय कैदियों की संख्या 4.83 लाख थी. इनमें 76 फीसदी से अधिक विचाराधीन आरोपी, जबकि 23 प्रतिशत दोषी करार दिए गए लोग शामिल हैं.
रिपोर्ट से पता चला है कि देशभर की जेलों में 3,549 (या एक प्रतिशत से भी कम) अन्य ऐसे कैदी भी मौजूद थे, जिन्हें हिरासत में लिया गया था.
एनसीआरबी के मुताबिक, भारतीय जेलों में बंद ज्यादातर विचाराधीन कैदी जहां 18 से 30 साल के आयुवर्ग में थे, वहीं दोषी करार दिए गए अधिकतर लोगों की उम्र 30 से 50 वर्ष के बीच थी.